पहले डोनेशन, फिर एडमिशन: यह भारत का आदर्श नहीं: आनंद जाखोटिया

भोपाल। भारत को आदर्श राजा श्रीराम से लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज तक हजारों वर्षों का गौरवशाली इतिहास प्राप्त है। इन राज्य व्यवस्थाआें का आदर्श इतिहास होते हुए भी स्वतंत्रता के पश्‍चात ब्रिटिश राज्य व्यवस्था पर आधारित लोकतंत्र व्यवस्था का हमने स्वीकार किया। परिणामस्वरूप गत ७० वर्षों में भारत में भ्रष्टाचार, अनाचार, अपराध बढते ही जा रहे है। प्राचीन हिन्दू राज्यव्यवस्था में ‘पहले शिक्षा, तत्पश्‍चात गुरुदक्षिणा’ ऐसी प्रथा थी; परंतु पाश्‍चात्त्य पद्धति के अनुसार आज के लोकतंत्र में पहले ‘डोनेशन’ तत्पश्‍चात ‘एडमिशन’ और उसके पश्‍चात ‘एज्युकेशन’ यह पद्धति प्रारंभ की। यह व्यवस्था भारत का आदर्श नहीं है। इसलिए प्राचीन गुरुकुलपर आधारित आदर्श राज्य व्यवस्था पुनः प्रस्थापित करने हेतु हमें हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी पडेगी, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के मध्यप्रदेश समन्वयक श्री. आनंदजी जाखोटिया ने किया ।

सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में वे बोल रहे थे। यह गुरुपूर्णिमा महोत्सव रविवार, ९ जुलाई २०१७ को जे.के. रोड स्थित कर्मवीर नगर के शिव मंदिर में भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इस समय ‘हिन्दुआें को शौर्यजागरण करने की आवश्यकता’ इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए सनातन संस्था की श्रीमती संध्या आगरकरजी ने कहा, समाज की मुट्ठीभर दुष्प्रवृत्तियों के कारण आज संपूर्ण समाज असुरक्षित हो गया है। धर्म सुरक्षित रहे बिना राष्ट्र और राष्ट्र सुरक्षित रहे बिना समाज सुरक्षित नहीं रह सकता। समाज, राष्ट्र और धर्म की रक्षा करनी हो, तो स्वयं स्वरक्षा प्रशिक्षण लें और अन्यों को भी दें ।

महोत्सव में श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराज का प्रतिमापूजन किया गया। इस वर्ष सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से मध्यप्रदेश में उज्जैन, इंदौर, जबलपूर और भोपाल के साथ पुरे देश में १०१ जगह ७ भारतीय भाषाआें में तथा अंग्रेजी और नेपाली इन भाषाआें में ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ आयोजित किए गए । ये महोत्सव १० भाषाआें में ‘फेसबुक लाइव’ द्वारा प्रसारित किए गए ।
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