नरोत्तम मिश्रा क्लीन बोल्ड: दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज हुई अपील

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सबसे प्रिय कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी चुनाव आयोग के फैसले को सही मानते हुए मिश्रा की अपील को खारिज कर दिया है। यानि अब नरोत्तम मिश्रा ना तो विधायक रह गए हैं और ना ही राष्ट्रपति चुनाव में वोट डाल पाएंगे। अब वो एक प्रमाणित दागी मंत्री हैं। शिवराज सिंह चाहें तो उन्हे अगले 6 महीने तक मंत्री पद पर रख सकते हैं परंतु यदि ऐसा किया तो मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की बड़ी किरकिरी होगी। 

23 जून को चुनाव आयोग ने पेड न्यूज के खर्चों में हेरा-फेरी का दोषी ठहराते हुए नरोत्तम मिश्रा को तीन वर्ष के लिए अयोग्य ठहराया था। इस फैसले के खिालफ मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की इजाजत मांगी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नरोत्तम मिश्रा की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था।

न्यायमूर्ति इंद्रमीत कौर ने मिश्रा, ईसी और शिकायतकर्ता राजेंद्र भारती के तर्कों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आयोग ने 23 जून को मिश्रा को अपने चुनाव व्यय रिटर्न में पेड न्यूज पर खर्च किए गए रुपयों का खुलासा नहीं करने पर अयोग्य करार दिया था। इसके अलावा अदालत ने उन पर तीन साल के लिए चुनाव लड़ने भी रोक लगा दी थी।

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