भोपाल। अरेरा कालोनी की बात करें या फिर नेहरू नगर, कोटरा, कोलार, चूनाभट्टी सहित अन्य पॉश कालोनियों की। रहवासी इलाकों में रेसीडेंशियल, फ्लैट, बंगले या प्लाट का कमर्शियल यूज करने वालों पर अब जिला प्रशासन जल्द ही कार्रवाई करेगा। इसके लिए भूमि का डायवर्सन कमर्शियल कर प्रीमियम और भू-भाटक भी वसूला जाएगा। कलेक्टर सुदाम खाडे ने इस संबंध में सभी नजूल वृत्तों के एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश जारी कर दिए है।
निर्देश के अनुसार ऐसे भवनों की जांच की जाएगी। इस जांच के बाद नगर निगम के अधिकारियों की भी पोल खुलेगी कि उन्होंने कितने माले की परमीशन दी थी और कितनी बनी है। एप्रूव नक्शे के अनुसार निर्माण हुआ भी है या नहीं? आवासीय भवनों के कमर्शियल उपयोग के मामले में अब तक जिले में कुल 45 प्रकरण ही बने हैं।
इनमें से 15 प्रकरणों में ही कार्रवाई हो सकी है, जबकि 30 प्रकरणों का निराकरण होना अभी बाकी है। इन प्रकरणों में रेसीडेंशियल भवन के लैण्डयूज चैंज कर कमर्शियल किया जाएगा तथा प्रीमियम और भू-भाटक की राशि वसूली जाएगी।