BHOPAL PLUS APP: लांच करके भूल गए, 8 माह में एक भी अपडेट नहीं हुआ

भोपाल। भले ही नगर निगम दो सालों से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है लेकिन शहरवासियों को बुनियादी सुविधाएं देने के लिए गंभीरता नहीं दिखा रहा। 7 नवंबर 2016 को महापौर आलोक शर्मा ने तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवड़े व नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज की उपस्थित में भोपाल प्लस मोबाइल एप लॉन्च किया। उद्देश्य था एप के माध्यम से शहरवासियों को घर बैठे ऑनलाइन बिजली बिल भरने, प्रॉपर्टी टैक्स, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने समेत अन्य कार्यों की सुविधा देना। साथ ही स्मार्ट सिटी के बारे में लोगों को बताना। 

एप में हिन्दी व अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करने की सुविधा दी गई है। ऐसे में जो लोग हिन्दी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें कई शब्दों व तथ्यों की गलतियां मिलती हैं। जिससे एप पर शिकायतों का पंजीयन कराने में लोग भम्रित होते हैं। एप में गलतियां सुधारने के लिए लोगों ने महापौर को शिकायतें भी की, पर हिन्दी की गलतियां नहीं सुधारी जा रहीं। वहीं एप को अपडेट भी नहीं किया जा रहा। जिससे लोगों को सही जानकारियां नहीं मिल रहीं।

तथ्यों में ये गलतियां
भोपाल प्लस एप में शुरुआत में गलतियां हैं। शहर का नक्शा मास्टर प्लान वाला अपलोड किया गया है, जबकि नगर निगम सीमा वाला नक्शा होना चाहिए। इसके अलावा शहर की जनसंख्या 23 लाख 71 हजार 061 लिखी गई, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार 17,98,218 जनसंख्या है। इतना ही नहीं ऐसे कई तथ्य हैं, जो एप में गलत दर्ज किए गए हैं।

अपडेड नहीं स्मार्ट सेवाओं की जानकारियां
भोपाल प्लस एप में स्मार्ट सेवाएं व स्मार्ट सिटी की दर्ज जानकारियां अपडेट नहीं हैं। पुरानी ही जानकारी दर्ज है। महापौर एक्सप्रेस सेवा शुरू हो चुकी है, लेकिन एप पर अभी लोगों से कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर सेवा शुरू करने के लिए सुझाव ही मांगे जा रहे हैं।

भोपाल प्लस एप में दी गईं थी ये सुविधाएं
महापौर एक्सप्रेस बुलाने की सुविधा
घर बैठे एप से बिजली के बिल जमा करने की सेवा
अस्पताल और क्लिनिक खोजने की सुविधा
जन्म व मृत्यु पंजीयन कराने की सुविधा
संपत्ति व जल कर का भुगतान करना।
बस सेवा योजना आदि

इनका कहना
भोपाल प्लस एप की सुविधा रहवासियों को घर बैठे बिजली बिल, प्रॉपर्टी टैक्स, जन्म व मृत्यु पंजीकरण समेत अन्य कार्यों कराने की सुविधा दी गई थी। एप में हिन्दी में किया त्रुटिया हैं। जल्द संबंधित अधिकारियों से कहकर ठीक कराया जाएगा। जिससे रहवासी भम्रित न हों।
आलोक शर्मा, महापौर

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