भोपाल। मध्यप्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों ने अब शिवराज सिंह सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। नियमितीकरण की मांग कर रहे अतिथि शिक्षकों को इस साल तो नियुक्तियां तक नहीं मिलीं हैं। 15 जून से शुरू हुआ शिक्षण सत्र लगातार आगे बढ़ रहा है। कई स्कूल केवल अतिथि शिक्षकों के सहारे हैं और अतिथि शिक्षक नियुक्ति आदेश का इंतजार कर रहे हैं। अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शम्भूचरण ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विगत दस वर्षों से प्रदेश के अतिथि शिक्षक मानसिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। शम्भूचरण का आरोप है कि प्रदेश के अकुशल श्रमिक को 265 रुपए प्रतिदिन एवं मनरेगा श्रमिकों को 165 रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन अतिथि शिक्षकों को इनसे भी कम 113 रुपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है।
शम्भूचरण का आरोप है कि बीते दस वर्षों से अतिथि शिक्षक इसी वेतन पर अपने—अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं। उनका कहना है कि अध्यापक वर्ग की हड़ताल के चलते उनका काम पूरी जिम्मेदारी से अतिथि शिक्षकों ने संभाला था, लेकिन सरकार का बुरे वक्त में साथ देने वालों का ही शोषण किया जा रहा है।
शम्भूचरण ने कहा कि अपने लंबित मांगों को पूरा करने के लिए अतिथि शिक्षकों ने कई बार सरकार के सामने गुहार लगाई, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। शम्भूचरण ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार ने आगामी अगस्त माह तक अतिथि शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं किया, तो प्रदेश का संपूर्ण अतिथि शिक्षक वर्ग सरकार के खिलाफ आंदोलन कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेगा।