जान का खतरा था इसलिए खरीद ली अवैध पिस्टल

इंदौर। सरकारी प्रक्रियाएं इतनी जटिल होतीं हैं कि आम आदमी उनके फेर में फंसने के बजाए नियम विरुद्ध काम कर डालता है। यहां अवैध हथियार की खरीद-फरोख्त वाले नेटवर्क का जब खुलासा हुआ तो एक ग्राहक ऐसा भी पकड़ा गया जिसने आत्मरक्षा के लिए अवैध पिस्टल खरीदी थी। सरकार इसके लिए लाइसेंस भी देती है परंतु लाइसेंस की लाइन इतनी लंबी और प्रक्रिया इतनी कठिन है कि उसने तत्काल सुरक्षा के लिए अवैध पिस्टल खरीदना बेहतर समझा। कुछ दिनों पहले बदमाशों ने उसके पिता की हत्या कर दी है। उसे भी धमकियां मिल रहीं हैं। लव्वोलुआब यह कि सरकार की जटिल प्रक्रियाओं से बचने के लिए लोग अपराध तक करने लगे हैं। 
धामनोद के सिकलीगर राजेंद्र से मिली जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच ने भंवरकुवा थाना,बाणगंगा थाना,सदर बाजार थाना और मल्हारगंज थाने से अवैध हथियारों के सात खरीदारों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 7 देशी पिस्टल और ज़िंदा कारतूस भी बरामद हुए है।

क्राइम ब्रांच के एडीशनल एसपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने भंवरकुआ क्षेत्र से नितेन्द्र और राहुल को पकड़ा ये दोनों उज्जैन के रहने वाले है, इन पर वहां के चिमनगंज थाने पर दर्जनो अपराध पंजीबद्ध है। नितेन्द्र पर जिलाबदर की कार्यवाई भी हो चुकी है। बाणगंगा से मोहित वर्मा ओर राजेश तथा सदर बाजार से आरिफ हुसैन और शब्बीर को गिरफ्तार किया है। इन दोनों ने आसपास के लोगो पर अपना प्रभाव ज़माने के लिए राजेंद्र सिकलीगर से अवैध पिस्टल खरीदी थी। ये पिस्टल दिखाकर लोगों को ये बताना चाहते थे कि इनकी पहुंच काफी ऊपर तक है और बड़े लोगों में उठना-बैठना है। पुलिस ने जब इन्हें पकड़ा तो दोनों आरोपी डर के मारे कांपने लगे थे।

इनके अलावा पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को भी पकड़ा है जिसके पिता का कुछ समय पहले एक जमीन के विवाद में मर्डर हो चुका है। उसने बताया कि कुछ लोगों ने उस पर भी हमला किया था इसलिए सुरक्षा के लिए उसने पिस्टल खरीद ली थी।

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