नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जिसमें जाति, लिंग, धर्म और वित्तीय स्थिति के आधार पर मिले आरक्षण को संविधान से हटाने का फैसला करने की वाली याचिका को खारिज कर दिया था। अब कोर्ट ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है जिसमें कोर्ट के इस फैसले पर समीक्षा की मांग की गई थी। बता दें कि इन दिनों आरक्षण को लेकर देश भर में बहस चल रही है। सारा देश 2 हिस्सों में विभक्त हो गया है। एक पक्ष चाहता है कि आरक्षण की समीक्षा हो और आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाए जबकि दूसरा पक्ष अब तक चले आ रहे आरक्षण नियमों का समर्थन करता है।
मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा है कि उसके 20 मार्च के आदेश की समीक्षा का कोई आधार नहीं है। पीठ ने गत 20 मार्च को एक चार्टर्ड एकाउन्टेंट की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें दावा किया गया था कि आरक्षण संविधान के दिये गए आदेश के खिलाफ है।
पीठ ने कहा, ‘समीक्षा याचिका का सावधानी से अध्ययन करने पर हमने पाया है कि जिस आदेश को चुनौती दी गई है उसकी समीक्षा करने का हम कोई आधार नहीं है। इसलिये समीक्षा याचिका खारिज की जाती है।