शिमला। विधायकों व सांसदों की पेंशन बंद करो या हमारी पुरानी पेंशन बहाल करो। कर्मचारियों ने दो टूक कहा है कि जब कर्मचारियों को पेंशन नहीं हैं तो विधायक व सांसद भी इसके हकदार नहीं हैं। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हजारों कर्मचारियों का गुस्सा फूटा और उन्होंने मंगलवार को सचिवालय का घेराव कर धरना दिया। हिमाचल प्रदेश एनपीएस/सीपीएस कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली व डियथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (डीसीआरजी) लागू करने के लिए शिमला के टॉलैंड से सचिवालय तक रैली निकाली और धरना प्रदर्शन किया।
सचिवालय के बाहर प्रदेशभर से हजारों कर्मचारियों की भीड़ पुरानी पेंशन बहाली के लिए उमड़ी। रैली में हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एसएस जोगटा व उनकी कार्यकारिणी, उत्तर प्रदेश कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु व पंजाब प्रांत कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुखजीत शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जब विधायक व सांसद शपथ लेते ही पेंशन के हकदार बन जाते हैं तो वर्षो तक विभाग में मेहनत कर पसीना बहाने वाले कर्मचारियों से उन्हें मिलने वाला हक क्यों छीना जा रहा है। प्रदेश में 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं है और उनके लिए सरकार ने न्यू पेंशन सिस्टम (एनपीएस) योजना लागू की है जो निजी कंपनी के हित व कर्मचारियों के शोषण में अग्रसर है।
पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश एनपीएस कर्मचारी महासंघ के साथ है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर, महासचिव भरत शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. संजीव गुलेरिया, मुख्य सलाहकार एलडी चौहान व समस्त पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार से जल्द डीसीआरजी लागू करवाने तथा पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की है। अध्यक्ष नरेश ठाकुर व मुख्य सलाहकार एलडी चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार 15 अगस्त तक यदि डीसीआरजी लागू नहीं करती व पुरानी पेंशन बहाली पर काम नहीं करती है तो हर जिले में इस तरह के प्रदर्शन किए जाएंगे। धरने प्रदर्शन तब तक जारी रहेंगे जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती है।
मुख्य सचिव से मिले कर्मचारी
प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिला। कर्मचारियों ने कहा कि मुख्य सचिव ने डीसीआरजी को लागू करने का आश्वासन दिया तथा पुरानी पेंशन बहाली पर भी जल्द कोई निर्णय लेने की बात कही है।
रैली से पूर्व रखा मौन
रैली शुरू होने से पूर्व कर्मचारियों ने टॉलैंड में कोटखाई दुष्कर्म पीड़िता छात्रा के शोक में दो मिनट का मौन रखा। उन्होंने छात्रा को न्याय मिलने की ईश्वर से प्रार्थना की।