अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की आखों देखी कहानी

नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा से लौट रहे गुजरात के तीर्थ यात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले का आखों देखा हाल सामने आ गया है। 25 आतंकियों ने एक साथ बस पर फायरिंग खोल दी। गोलियां बरस रहीं थीं। बस चालक सलीम ने अपनी जान बचाने के लिए बस को छोड़कर भागने की बजाए, यात्रियों को आतंकियों के हमले से बचाने के लिए बस को तेजी से घुमाते हुए भगाया। बस में कुल 54 यात्री सवार थे। हमले में 7 यात्रियों की मौत हो गई लेकिन 46 तीर्थयात्री बच गए। जिंदा बचे यात्री ड्राइवर सलीम को दुआएं दे रहे हैं। 

टूर ऑपरेटर हर्ष देसाई खुद बस में मौजूद थे। हर्ष ने बताया कि एक आतंकी ने बस में घुसने की कोशिश भी की, लेकिन उसे हेल्पर ने धक्का दे दिया। उधर, ड्राइवर सलीम के चचेरे भाई जावेद ने कहा, "वो (सलीम) 7 लोगों की जान नहीं बचा पाया, लेकिन बस को सेफ जगह ले जाकर उसने 46 पैसेंजर्स की जान बचा ली। 

क्या हुआ था घटनाक्रम 
सोमवार रात 8.20 मिनट पर बस पर हमला किया गया, जिसमें 7 लोगों की जान चली गई और 15 लोग घायल हुए हैं। गुरुवार दोपहर इन सभी का पार्थिव शरीर एयरफोर्स के स्पेशल प्लेन से सूरत ले जाया गया। हर्ष देसाई ने बताया, "हम लोग श्रीनगर से 63 किलोमीटर आगे तक आ गए थे। इस दौरान एक टर्न पर मुड़ते ही बस पर फायरिंग होने लगी। मेरे कंधे और पैर में गोली लगी। मेरा दिमाग सुन्न हो गया। गोली लगने के बावजूद ये तो समझ में आ गया कि ये आतंकी हमला था। करीब 25 आतंकियों ने बस को घेर रखा था।

वीडियोगेम की तरह चल रही थीं गोलियां
हर्ष ने बताया, "आतंकियों के दिल में कोई रहम नहीं दिखाई दे रहा था। वो लगातार गोलियां चला रहे थे। गोलियां इस तरह चल रही थीं, जैसे कि वीडियोगेम में चलती हैं। मैंने बस को वहां से निकालने की कोशिश की।

बस में घुसने की कोशिश कर रहा था आतंकी
मैंने देखा कि एक आतंकवादी बस में घुसने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान हेल्पर ने उसे चलती बस से धक्का देकर बाहर ढकेल दिया और बस का दरवाजा बंद कर लिया। उसकी बहादुरी से आतंकी बस में नहीं घुस पाया।

5 km दूर जाने पर मिली आर्मी
"फायरिंग के बीच हमने बस तेज रफ्तार से दौड़ा दी। करीब 5 किलोमीटर दूर जाने पर आर्मी वाले मिले। हमने उनसे सारी बात बताई। वे तुरंत घटनास्थल की ओर आए, लेकिन तबतक हमला करने वाले आतंकवादी भाग गए थे।

हमले के पीछे किसका हाथ?
इस बीच कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने कहा कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथा है, जिसका मास्टरमाइंड पाकिस्तान का टेररिस्ट इस्माइल है। उधर, सरकार ने कहा कि हमले के दोषियों को छोड़ेंगे नहीं।

मोदी ने कहा- भारत नहीं झुकेगा
हमले के बाद सोमवार रात नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''जम्मू कश्मीर में शांतिप्रिय अमरनाथ यात्रियों पर कायराना हमले से दुख हुआ। हर किसी को इस हमले की कड़ी से कड़ी निंदा करनी चाहिए। मेरी संवेदनाएं हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से हैं। मेरी प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं। भारत इस तरह के कायराना हमलों के आगे कभी नहीं झुकेगा।

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