पद्मनाभस्वामी मंदिर: रहस्मयी तहखाने के रहस्य का अध्ययन करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। अपनी अकूत संपत्ति व रहस्यों के लिए दुनियाभर में चर्चित केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट अध्ययन करेगा। हालांकि बी तहखाने को खोलने पर आदेश देने से मुख्य न्यायाधीश ने फिलहाल इन्कार कर दिया। उनका कहना है कि इस पर बाद में विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर व डीवाई चंद्रचूड की बेंच को न्याय मित्र गोपाल सुब्रमण्यम ने बताया कि तहखाना बी को खोला जाना जरूरी है, क्योंकि मिथक है कि इसके भीतर रहस्यमय शक्ति है। 

उनका कहना है कि लोग बेवजह ही इसे खोले जाने पर विनाश की आशंका जता रहे हैं। उन्होंने अदालत से अपील की कि आइपीएस अधिकारी एच वेंकटेश को मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा दिया जाए। वह पहले तिरुवनंतपुरम के आयुक्त रह चुके हैं। उन्होंने मंदिर के खर्चो का आडिट कराने की मांग भी अदालत से की। बेंच ने केरल सरकार से आग्रह किया कि महालेखा परीक्षक से बात करके ऑडिट के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया जाए। बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश केएस राधाकृष्णन को मंदिर की सिलेक्शन कमेटी का चेयरमैन भी नियुक्त करने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि मंदिर का निर्माण त्रावणकोर के राजवंश ने कराया था। अब इसकी देखरेख राज परिवार की निगरानी में करने वाली एक ट्रस्ट के जरिये किया जा रहा है। 2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित पैनल ने इस मंदिर के नीचे बने कुल छह प्राचीन तहखानों में से पांच को खोल दिया था। ये सदियों से बंद थे। इनमें से तहखाना संख्या बी का दरवाजा अब तक नहीं खोला जा सका है। इसे खोलने पर रोक लगाई गई थी।

मिला था अकूत खजाना
उस समय सभी भौंचक रह गए जब मंदिर के नीचे बने पांच तहखानों के अंदर से तकरीबन 22 सौ करोड़ डालर का खजाना प्राप्त हुआ। इनमें बहुमूल्य हीरे-जवाहरातों के अलावा सोने के अकूत भंडार और प्राचीन मूर्तियां भी निकलीं। हर दरवाजे के पार अधिकारियों के पैनल को प्राचीन स्मृतिचिह्नों के अंबार भी मिले। ये दल जब चेंबर बी तक पहुंचा तो लाख मशक्कत के बावजूद भी उसका दरवाजा नहीं खुला।

तीन हफ्ते बाद ही याचिकाकर्ता की मौत
पद्मनाभस्वामी मंदिर के नीचे बने पहले पांच तहखानों को खोलने के तीन हफ्ते बाद ही टीपी सुंदरराजन (दरवाजों को खुलवाने की याचिका दाखिल करने वाले) की मौत हो गई। एक संस्था ने ये चेतावनी जारी कर दी कि अगर किसी ने उस आखिरी कक्ष को खोलने की कोशिश भी की तो उसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता है। जोसफ कैम्पबेल आर्काइव से जुड़े शोधकर्ता जोनाथन यंग के अनुसार वहां तीन दरवाजे हैं। चेंबर बी में लिखी चेतावनियों के बीच नागों, सांपों के चित्र भी बने हुए हैं। डरावनी आकृतियां ये चेतावनी देती हैं कि अगर इन दरवाजों को खोला गया तो अंजाम बहुत बुरा होगा।

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