सिंधिया ने भाजपा के नंदू को नोटिस भेजा

भोपाल। अति उत्साह में आकर प्रदेश भर में बेवजह ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुतले जलवाने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदूभैया अब कानूनी कार्रवाई की जद में आ गए हैं। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नंदकुमार सिंह चौहान को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। इससे पहले नंदकुमार सिंह चौहान के आदेश पर भाजपा के सभी पदाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्रों में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुतले जलाए एवं उन्हे दलितों का अपमान करने वाला नेता कहा। जबकि जिस घटना को लेकर यह सारा विरोध हुआ, वो तो घटित ही नहीं हुई।  

दरअसल अशोकनगर जिला चिकित्सालय में नवनिर्मित ट्रामा सेंटर का लोकार्पण सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया करने वाले थे, लेकिन एक दिन पहले ही बीजेपी विधायक ने ट्रामा सेंटर का बिना घोषणा के लोकार्पण कर दिया। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ट्रामा सेंटर का लोकार्पण किया। 

इस कार्यक्रम के बाद बीजेपी अध्यक्ष नंदकुमार चौहान ने सिंधिया पर आरोप लगाया कि बीजेपी के दलित विधायक के पहले लोकार्पण करने के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्रामा सेंटर गंगा जल से धुलवाकर प्रवेश किया। इस तरह सिंधिया ने दलितों का अपमान किया है। नंदूभैया ने आनन फानन पूरे प्रदेश में सिंधिया के पुतले जलवा दिया। इसी दौरान पता चला कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं थी। ट्रामा सेंटर को गंगाजल क्या नल के पानी से भी नहीं धुलवाया गया। 

यह जानते हुए भी कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, नंदकुमार सिंह चौहान ने ना केवल अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों ने सिंधिया का विरोध करवाया बल्कि खुद भी अशोकनगर जाकर विरोध दर्ज कराया। बस इसी कारण सिंधिया ने नंदकुमार चौहान को कानूनी नोटिस भेजा है। सिंधिया ने नंदकुमार चौहान को भेजे चार पेज के कानूनी नोटिस में नंदकुमार चौहान पर सोशल मीडिया के माध्यम झूठे तथ्य फैलाकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की बात कही है। नोटिस में कहा गया है कि सिंधिया की छवि दलितों और किसानों के साथ खड़े रहने वाले नेता की है। उनकी छवि को झूठे और मिथ्या आरोपों के जरिए नुकसान पहुंचाया जा रहा है। 

अब नंदूभैया के पुतले फूंके जाएंगे
इस मामले में कांग्रेस भी सक्रिय हो गयी है। कांग्रेस ने जहां 25 जुलाई को सीएम शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान के पुतले जलाने का एलान किया है। वहीं अशोकनगर कांग्रेस ने भी बीजेपी के आरोप झूठे बताते हुए पूरा घटना का ब्यौरा देते हुए कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी का शासकीय कार्यक्रम (ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन) 22 जुलाई को होना था। लेकिन भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव ने शासकीय अधिकारियों के मना करने के बाद भी 21 जुलाई को ट्रॉमा सेंटर भवन का लोकार्पण कर दिया। 

गोपीलाल जाटव के जबरन लोकार्पण करने पर प्रतिक्रिया में पार्टी कार्यकर्ता व सांसद प्रतिनिधि अमित तांबरे (जो स्वयं दलित है) ने बयान जारी कर दिया कि गोपीलाल जाटव ने जो ट्रामा सेंटर का लोकार्पण किया उसको गंगाजल से धो कर उसका फिर सिंधिया लोकार्पण करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि उसकी भावना दलित विरोधी नहीं थी, क्योंकि वह स्वयं दलित समाज से है। कांग्रेस का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उस वक्त शिवपुरी जिले में थे। जैसे ही उन्हें अमित तांबरे के गैर जिम्मेदाराना बयान की जानकारी मिली तो कांग्रेस और पार्टी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अमित तांवरे को सांसद प्रतिनिधि पद 23 जुलाई को निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि अमित तांबरे के बयान से ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई लेना देना नहीं है। 

वहीं कांग्रेस का कहना है कि 22 जुलाई को ट्रॉमा सेंटर का जिला प्रशासन ने विधिवत शासकीय कार्यक्रम आयोजित करके ज्योतिरादित्य सिंधिया से लोकार्पण कराया है। साथ ही शिलापट्टिका पर गोपीलाल जाटव विधायक का नाम अंकित कराया  है, सिंधिया जी ने मंच से गोपीलाल जाटव की सज्जनता की प्रशंसा भी की है। वहीं कांग्रेस नेता कृष्णा घाडगें ने आरोप लगाया है कि सत्य-असत्य और धर्म-अधर्म की इस लड़ाई में भाजपा ने एक बार फिर कौरवों की तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया से लड़ने के लिए शिखंडी को आगे किया है। 

भाजपा नेताओं के तमाम भूमि घोटाले के फर्जी आरोपों के बाद भी सिंधिया की ईमानदार और चमकदार छवि का बाल भी बांका नही हुआ, इसके विपरीत किसान आंदोलन में सिंधिया किसानों के मसीहा के रूप में उभरे है। पूरे प्रदेश में जिस तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया को जनसमर्थन मिल रहा है उसने शिवराज सरकार की नींद उड़ा दी है। दरअसल, हकीकत यही है कि अलीबाबा और उनकी 40 चोरों की पूरी टीम ज्योतिरादित्य सिंधिया से खौफजदा है। वो जानते है कि सिंधिया के हाथों में सत्ता आई तो उन सबका जेल जाना तय है। इसी भय के कारण भाजपाइयों की नींद उड़ी हुई है।

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