सपा से निष्कासित किए जा सकते हैं मुलायम सिंह और शिवपाल चाचा

लखनऊ। जिस समाजवादी पार्टी को मुलायम सिंह ने अपने भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ मिलकर खड़ा और बड़ा किया, आज उन्हे उन्ही की पार्टी से निकाला जा सकता है क्योंकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग से नाराज हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल पर लगातार कार्रवाई की मांग उठती रही है। लिहाजा राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सपा के मुलायम सिंह यादव व शिवपाल समेत सात जनप्रतिनिधियों पर अध्यक्ष अखिलेश यादव जल्द निर्णय ले सकते हैं।

सपा ने किया था मीरा कुमार का समर्थन
राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन करते हुए अपने जनप्रतिनिधियों से उनको वोट करने की अपील की थी। वहीं पार्टी में चल रहे गतिरोध की वजह से शिवपाल यादव ने एनडीए उम्मीदवार को वोट करने की बात कहते हुए अपने समर्थक जनप्रतिनिधि को रामनाथ कोविंद को वोट करने के लिए कहा था। इतना ही नहीं शिवपाल यादव ने वोट करने के बाद भी पार्टी विरोधी बयान देते हुए रामनाथ कोविंद को वोट करने की बात सार्वजनिक तौर पर कही थी।

अब उपराष्ट्रपति चुनाव में भी अड़े शिवपाल
राष्ट्रपति के चुनाव के बाद अब शिवपाल यादव और मुलायम सिंह यादव एक बार फिर से एनडीए उम्मीदवार वैंकैया नायडू को समर्थन की बात कही है। जबकि समावादी पार्टी पहले ही गोपालकृष्ण गांधी के पक्ष में वोट करने की अपील की है। 

पार्टी नेताओं ने की कार्रवाई की मांग
समाजवादी पार्टी सूत्रों की माने तो लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों से परेशान समाजवादी पार्टी के नेता अब अध्यक्ष अखिलेश से बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। नेताओं का कहना है कि ऐसा ही चलता रहा तो पार्टी के अन्य नेता भी बागी हो सकते हैं और फिर पार्टी में ही उन्हें शिवपाल यादव के गुट का साथ मिलेगा। इससे ना सिर्फ पार्टी कमजोर होगी बल्कि आगामी चुनाव में भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

अखिलेश उठा सकते हैं बड़ा कदम
सूत्रों के मुताबिक पार्टी में खुद को मजबूत बनाने के लिए अखिलेश यादव भी कड़ा निर्णय लेने के मूड में हैं। जिसमें मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव का इस्तीफा अहम माना जा रहा है। अखिलेश यादव खुद मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के रवैये से नाराज हैं। उनका कहना है कि पार्टी लाइन से हटकर फैसला करने वाले को पार्टी में रहने का कोई अधिकार नहीं है। 

माकपा की तर्ज पर होगी कार्रवाई
अखिलेश समर्थक इस मामले में माकपा के सोमनाथ चटर्जी को पार्टी से निकाले जाने वाले मामले की ही तर्ज़ पर फैंसला ले सकते हैं। गौरतलब है कि, 2008 में माकपा के तत्कालीन महासचिव प्रकाश करात ने भी यही किया था। उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाने पर तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी तक को निकाल दिया था। उन्होंने पार्टी के निर्देश के बावजूद स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं दिया था। अखिलेश गुट अपने अध्यक्ष से मुलायम और शिवपाल के खिलाफ इसी प्रकार की कार्रवाई चाहता है। 

सपा का अधिवेशन सितम्बर में प्रस्तावित है जिसमें पार्टी बड़ा फैंसला ले सकती है। कोविंद को समर्थन देने के मुलायम के रुख से सपा का एक धड़ा काफी खफा है। अखिलेश समर्थकों के मुताबिक माकपा जब सोमनाथ पर कार्रवाई कर सकती है तो सपा शिवपाल-मुलायम पर क्यों करवाई नहीं हो सकती है। 

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