सिर्फ पदनाम मांग रहे थे 25 हजार सहा. शिक्षक, मलैया ने वो भी नहीं दिया

भोपाल। प्रदेश के 25 हजार सहायक शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन का प्रस्ताव वित्त विभाग ने नामंजूर कर दिया है। विभाग ने नए पदों का सृजन करने से इनकार करते हुए ये प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग को लौटा दिया है। अब विभाग फिर से प्रस्ताव भेजने पर विचार कर रहा है। प्रदेश में 45 हजार से ज्यादा सहायक शिक्षक हैं। ये डाइंग कैडर है, इसलिए इस संवर्ग में नई भर्ती नहीं की जा रही है। इनमें से 25 हजार सहायक शिक्षक डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) योग्यता रखते हैं और 25 से 30 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं।

इन्हें वर्तमान में शिक्षक संवर्ग का वेतनमान भी दिया जा रहा है, लेकिन शिक्षक पदनाम नहीं दिया जा रहा है। जबकि इससे सरकार पर वित्तीय भार नहीं आना है। वहीं सरकार ने 15 साल पहले भर्ती हुए सहायक अध्यापकों में से साढ़े सात हजार को पदोन्न्त कर अध्यापक संवर्ग दे दिया है।

आठ साल से कर रहे मांग
सहायक शिक्षक करीब आठ साल से शिक्षक पदनाम की मांग कर रहे हैं। वे मुख्यमंत्री से लेकर विभाग के मंत्री और अफसरों से मिले थे, तब कहीं विभाग ने इन सहायक शिक्षकों को शिक्षक पदनाम देने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन ने वित्त विभाग की राय मांगी तो अफसरों ने नए पदों का सृजन करना बताकर प्रस्ताव नामंजूर कर दिया है। इस संबंध में सहायक शिक्षक अब मुख्यमंत्री से मिलेंगे और बात करेंगे।

फिर से भेजा जाएगा प्रस्ताव 
स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर ये प्रस्ताव फिर से भेजेंगे। चूंकि इसमें कोई वित्तीय भार नहीं आ रहा है। इसलिए अफसर इसे स्वीकृत करने की मंशा रखते हैं।

अनशन करेंगे
हमारी मांग जायज है और लंबे समय से हम मुख्यमंत्री, मंत्री से मिलकर इसे पूरा कराने की कोशिश कर रहे हैं। अब अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो हम 25 जुलाई से राजधानी में अनशन पर बैठेंगे। 
मुकेश शर्मा, अध्यक्ष, 
समग्र शिक्षक व्याख्याता प्राचार्य कल्याण संघ

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