जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने राज्य शासन के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें महिला शिक्षकों को संतान पालन अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) से वंचित कर दिया गया था। हाईकोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल ने अध्यापिका की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा है कि अध्यापिकाओं को भी शिक्षिकाओं की तरह ही संतान पालन अवकाश का लाभ दिया जाना चाहिये।
अधिवक्ता सतेंद्र ज्योतिषी ने बताया कि बालाघाट जिले की कटंगी निवासी कविता पटले की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि वह शासकीय उमा विद्यालय कटंगी में पदस्थ हैं। उसे 1 अगस्त 2015 को पुत्र की प्राप्ति हुई। संतान पालन के लिए 11 जनवरी 2016 से 10 मार्च 2016 तक संतान पालन अवकाश प्रदान करने बालाघाट के जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया था। डीईओं ने उसके आवेदन को वित्त विभाग द्वारा 6 अगस्त 2016 के आदेश का हवाला देते हुए खाजिर कर दिया था। उक्त आदेश में कहा गया था कि अध्यापकों को संतान पालन अवकाश पाने की पात्रता नहीं है। जिसके खिलाफ उक्त याचिका हाईकोर्ट में दायर की गयी थी।
याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने वित्त विभाग के उक्त आदेश को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को समस्त मातृत्व अवकाश सहित अन्य लाभ देने के निेर्देश जारी किये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सत्येन्द्र ज्योतिषी ने पक्ष रखा।