चीनी अखबार ने फिर लिखा भड़काऊ लेख, कहा: हम कश्मीर में घुस आएंगे

नई दिल्ली। भारत चीन के बीच तनाव का बड़ा कारण चीन की सरकारी मीडिया भी है। चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स आए दिन भड़काऊ लेख छाप रहा है और इसी के कारण तनाव बढ़ता जा रहा है। इस समय जबकि भारत और चीन बीच का रास्ता निकालने की प्रक्रिया में है।  भारत के एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) अजीत डोभाल बीजिंग में हैं। गुरुवार को उन्होंने चीन के एनएसए यांग जिआची से मुलाकात की इसके बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात कर रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को ग्लोबल टाइम्स ने फिर भड़काऊ लेख छापा है। लिखा गया है कि यदि भारत, भूटान की तरफ से डोकलाम में आ रहा है तो फिर चीन भी पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में घुस आएगा। बता दें कि जब से डोभाल चीन गए हैं, भारत की मीडिया संयम से काम ले रही है एवं उसने ऐसा कोई भी भड़काऊ लेख प्रकाशित नहीं किया जिससे इस वार्ता पर प्रभाव पड़े। जबकि भारत में मीडिया सरकारी नहीं है। 

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि "डोकलाम मसला चीन-भूटान बॉर्डर विवाद है। इसमें थर्ड पार्टी के तौर पर भारत को दखल देने का क्या हक है? नई दिल्ली के तर्क के मुताबिक अगर उसे ये हक है तो ये बहुत खतरनाक होगा क्योंकि अगर कश्मीर मसले पर पाकिस्तान ने अपील की तो चीन की आर्मी वहां विवादित एरिया में घुस सकती है, जिसमें भारत के अधिकार वाला कश्मीर भी शामिल है।

बता दें कि डोकलाम में 42 दिन से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। ये इलाका एक ट्राई जंक्शन (तीन देशों की सीमाएं मिलने वाली जगह) है। चीन यहां सड़क बनाना चाहता है, पर भारत-भूटान इसका विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को जबकि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन के राष्ट्रपति से मिलने वाले थे, इससे पहले ही ग्लोबल टाइम्स ने यह भड़काऊ लेख छाप दिया। 

भूटान ने भारत से मदद नहीं मांगी 
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को अपने एक आर्टिकल में भारत को ये धमकी दी है। झांग यी के इस आर्टिकल में कहा गया है कि भूटान की ओर से भारत से कोई मदद नहीं मांगी गई थी, लेकिन भारत फिर भी इस मुद्दे में अपना अड़ंगा लगा रहा है। अखबार ने लिखा है, "भूटान सरकार की तरफ से जारी 29 जून के बयान में भारत सरकार से मदद मांगने का कोई जिक्र नहीं था। डिप्लोमैटिक सूत्रों के मुताबिक भूटान सरकार को तो भारत की घुसपैठ के बारे में भी नहीं मालूम था।

क्या है डोकलाम विवाद?
ये विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने डोकलाम एरिया में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है। इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।

भारत की क्या है चिंता?
नई दिल्ली ने चीन को बता दिया है कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की मौजूदा स्थिति में अहम बदलाव आएगा, भारत की सिक्युरिटी के लिए ये गंभीर चिंता का विषय है। रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी मिलिट्री एडवान्टेज हासिल होगी। इससे नॉर्थइस्टर्न स्टेट्स को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा।

दोनों देशों के सैनिक 100 मीटर पर आमने-सामने
इंडियन आर्मी के जवानों ने चीनी सैनिकों के अड़ियल रवैये को देखते हुए सिक्किम के डोकलाम इलाके में 9 जुलाई से अपने तंबू गाड़ रखे हैं। बॉर्डर पर दोनों देशों की 60-70 सैनिकों की टुकड़ी 100 मीटर की दूरी पर आमने-सामने डटी हैं। दोनों ओर की सेनाएं भी यहां से 10-15 km की दूरी पर तैनात हैं।

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