बाढ़ में डूबा गुजरात, दर्जनों मौतें, हजारों लापता, सेना का रेस्क्यू जारी

नई दिल्ली। पिछले 2 दिन से लगातार जारी तेज बारिश के कारण गुजरात के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। चारों तरफ पानी की पानी नजर आ रहा है। सैंकड़ों लोगों की मौत की अफवाह सुनाई दे रही है, जबकि अभी तक प्रशासन को सिर्फ 4 शव ही प्राप्त हुए हैं। हजारों लोग लापता हो गए हैं जिन्हे तलाशा जा रहा है। सेना का रेस्क्यू आपरेशन शुरू हो गया है। समाचार लिखे जाने तक 6500 से ज्यादा बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। एयरफोर्स, आर्मी और एनडीआरएफ को बचाव के काम में लगाया गया है। अब तक 6500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 12 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। राज्य में 24 घंटे के दौरान सभी 33 जिलों में बरसात हुई है। सबसे ज्यादा 325 मिलीमीटर बारिश सुरेंद्रनगर के चोटिला में हुई है। कुछ दिन पहले यहां 600 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। अहमदाबाद शहर में शुक्रवार से शनिवार के बीच 86 मिलीमीटर बारिश हुई है। डीसा में 76 मिलीमीटर और गांधीनगर में 71 मिलीमीटर बारिश हुई है। 

राज्य के राजकोट, मोरबी, बनासकांठा समेत बाकी जगहों पर भी भारी बारिश हुई है। राज्य में होने वाली एवरेज बारिश का 52% कोटा जुलाई में ही पूरा हो चुका है। सीएम विजय रूपाणी ने राज्य में बारिश और बाढ़ के हालात को देखते हुए शनिवार को रिव्यू मीटिंग बुलाई। उन्होंने कहा कि फ्लड कंट्रोल रूम 24 घंटे खुला रखा जा रहा है। सीएम ने बताया कि राहत के काम में लगी एजेंसियां प्रभावित इलाकों में खाने के पैकेट और दूसरे जरूरी सामान पहुंचा रही हैं।

इस सीजन में 61 की मौत
बारिश की वजह से हुए हादसों में दो लोगों की मौत अमरेली और राजकोट जिलों में हुईं। उधर, हिम्मतनगर के गंभोई में एक प्राइवेट बस ओवर ब्रिज से गिर गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, आठ लोग घायल हुए हैं। साबरकांठा के कलेक्टर पी. स्वरूप ने बताया कि बस राजस्थान से आ रही थी और अहमदाबाद जा रही थी। बता दें कि इससे पहले इस सीजन में बारिश की वजह से राज्य में अब तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है।

सेना ने 3 दिन की बच्ची को बचाया
राज्य सरकार ने हालात से निपटने के लिए एयरफोर्स और आर्मी से भी मदद मांगी है। बचाव के काम में एयरफोर्स के चार हेलिकॉप्टर (MI-17V5) लगाए गए हैं। डिफेंस स्पोक्सपर्सन विंग कमांडर अभिषेक मतिमान ने बताया कि ध्रांगधरा में कुडा गांव के पास बाढ़ में फंसे 35 लोगों को सेना ने बाहर निकाला। इनमें 3 दिन की एक बच्ची भी शामिल है। करीब 12 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। इनमें से 11 लोग मोरबी जिले के मलिया मियाना गांव में बाढ़ के बीच एक छत पर बैठे थे। मतिमान ने बताया कि सुरेंद्र नगर जिले के लंबड़ी, सायला और चोटिला तालुका के अलग-अलग गांवों में फंसे तीन लाेगों को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर बुलाए गए थे। हालांकि, जब तक हेलिकॉप्टर पहुंचे एनडीआरएफ की टीम ने उन्हें निकाल लिया था।
- विंग कमांडर मतिमान ने बताया कि अहमदाबाद में भी 70 लोगों के फंसे होने की सूचना है। सेना से उन्हें भी निकालने की गुजारिश की गई है।

रास्ते टूटे, पटरियां डूबीं
बाढ़ की वजह से 10 स्टेट हाइवे समेत 50 से ज्यादा रास्ते जगह-जगह टूट गए हैं। कई जगहों पर रेलवे ट्रैक पानी में डूब गया है, कई ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। इनमें से कुछ को रद्द कर दिया गया है। सड़कों पर भी पानी भरने से जाम लग रहे हैं।

चंबल, माही, साबरमती का वाटर लेवल बढ़ने की वॉर्निंग
राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में अगले दो दिन में भारी बारिश की वॉर्निंग की वजह से इन राज्यों में बहने वाली नदियों के वाटर लेवल में भारी बढ़ात्तरी होने की संभावना है।
सेंट्रल वाटर कमीशन के मुताबिक, 22 से 24 जुलाई तक भारी बारिश की वजह से चंबल, माही, साबरमती और बनास साथ ही इनकी सहायक नदियाें के वाटर लेवल में भारी बढ़ोत्तरी हो सकती है।

चारों नदियों में पानी बढ़ा तो इन जिलों पर होगा असर
चंबल का वाटर लेवल बढ़ने से इंदौर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच ,कोटा और झालावाड़ जिले प्रभावित हो सकते हैं। 
माही का असर झाबुवा, धार, रतलाम, उदयपुर, दुर्गापुर, बांसवाड़ा, पंचमहल, महिसागर और खेड़ा जिलों में देखने को मिल सकता है। इससे राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में माही डैम का वाटर लेवल भी बढ़ जाएगा।
साबरमती का वाटर लेवल बढ़ने से उदयपुर, सिरोही, पाली, डूंगरपुर, साबरकांठा, मेहसाणा, अहमदाबाद, गांधीनगर और खेड़ा जिले प्रभावित होंगे। जबकि बनास का वाटर लेवल बढ़ने का असर उदयपुर, सिरोही और बानसकांठा जिलों में देखने को मिल सकता है।
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