नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में चलती ट्रेन में हुई एक मुस्लिम परिवार से मारपीट की घटना को कुछ शरारती तत्व साम्प्रदायिक हमला बताने का प्रयास कर रहे हैं जबकि यह मामला साम्प्रदायिक नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह चलती ट्रेन (शिकोहाबाद-कासगंज पैसेंजर ट्रेन) में डकैती का मामला है। मामला बहुत गंभीर है, परंतु साम्प्रदायिक नहीं है। पीड़ित परिवार मुस्लिम समुदाय से है, परंतु उन पर हमला इसलिए नहीं हुआ क्योंकि वो मुस्लिम हैं। यह हमला इसलिए किया गया क्योंकि बदमाशों ने डकैती की योजना पहले से बना रखी थी कि मुस्लिम परिवार उनके चंगुल में फंस गया।
पूरी घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जीआरपी ने मामले में एफआईआर दर्ज कर तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। एसपी जीआरपी ओपी सिंह ने बताया कि वीडियो देखने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई है ओर स्पेशल ऑपरेशन टीम पूछताछ कर रही है।
चैन पुलिंग कर साथी डकैतों को बुलाया
मामला बुधवार शाम का है। मोटा और निब्कारोरी रेलवे स्टेशन के बीच पांच लोगों के एक समूह ने एक दिव्यांग बच्चे से उसका मोबाइल छीन लिया। बदमाशों को पता नहीं था कि बच्चे के साथ पूरा परिवार भी मौजूद है। जब परिवार ने उसका विरोध किया तो लोगों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। जब ट्रेन निब्कारोरी स्टेशन पहुंचने वाली थी तो दबंगों ने चैन खींचकर ट्रेन रोक दी और फोन कर अपने साथियों को बुला लिया। मोटरसाइकिल पर सवार होकर करीब एक दर्जन लोग हाथ लाठी और रॉड के लेकर पहुंच गए। ट्रेन का दरवाजा बंद होने के बाद इन लोगों ने इमरजेंसी खिड़की का शीशा तोड़ा दिया और अंदर घुसे। उसके बाद इस मुस्लिम परिवार को बेरहमी से पीटा गया और उनके सामान को लूट लिया गया।
पहले हमला किया फिर लूटा
मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाले मोहम्मद शाकिर ने बताया कि इस हमले में उनकी पत्नी असिया, बेटी अरसी, दो बेटे फैजान और अरसान, भाई आरिफ, भतीजा आसिफ शाला शाहीद और बहनें शेनाज और मीनाज गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से चार को फ्रैक्चर हुआ है, चार के सिर में चोटें आई हैं, और सभी के पेट में अंदरूनी चोटें आई हैं। सभी घायलों का फर्रुखाबाद के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा है।