लहार से उठ सकती थी कांग्रेस की लहर, दिग्विजय सिंह ने दाग लगा दिया

उपदेश अवस्थी/शैलेन्द्र गुप्ता/सर्वेश त्यागी/ग्वालियर/भोपाल। मप्र में कांग्रेस की लहर चलाने के लिए लहार में आयोजित की गई किसान महापंचायत में लक्ष्य था दिग्गजों की एकजुटता प्रमाणित करना परंतु दिग्विजय सिंह इस आयोजन पर दाग लगाकर चले गए। सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से जा रहा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया हर कदम पर इस बात का ध्यान रख रहे थे कि उंगली उठाने वालों को कोई मौका नहीं मिले और कार्यक्रम के अंत: तक ऐसा हुआ भी लेकिन जब दिग्विजय सिंह ने माइक संभाला तो पूरी मेहनत का कचरा हो गया। दिग्विजय सिंह ने सिंधिया की तरह रुख करते हुए मंच से कहा कि 'जाओ और हमसे नहीं बल्कि भाजपा एवं शिवराज सिंह से लड़ो। इसी के साथ सारे दूध में खटाई पड़ गई और चिंतातुर शिवराज सिंह सरकार अब राहत की सांस ले रही है। कांग्रेस में गुटबाजी कायम है। 

इस आयोजन के मेजबान लहार विधायक गोविंद सिंह थे। निश्चित रूप से यह एक एतिहासिक कार्यक्रम रहा जैसा कि गोविंद सिंह ने ऐलान किया था। वो दिग्विजय सिंह के नजदीकी माने जाते हैं परंतु उन्होंने कांग्रेस में एकजुटता का सबसे ताकतवर प्रदर्शन आयोजित किया था। इसका लाभ हर हाल में गोविंद सिंह को मिलेगा ही। उनके इस प्रयास की हर कांग्रेस प्रशंसा कर रहा है। 

शुरू से सतर्क थे सिंधिया 
ज्योतिरादित्य सिंधिया और गोविंद सिंह के बीच तालमेल कभी मधुर नहीं रहा फिर भी सिंधिया ने शुरू से अंत तक इस बात का खास ध्यान रखा कि कहीं कोई गलती ना हो और उंगली उठाने वालों को मौका ना मिले। वो नहीं चाहते थे कि सिंधिया समर्थकों की किसी भी गलती के कारण गोविंद सिंह के कार्यक्रम पर दाग लग जाए। 

पूरी विनम्रता का प्रदर्शन किया
एयरपोर्ट पर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह ग्वालियर एयरपोर्ट पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी और उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर का स्वागत करने पहुंचे। इस दौरान सिंधिया ने सभी नेताओं का न सिर्फ आत्मीय स्वागत किया, बल्कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के प्रति आगे बढ़कर काफी सम्मान भी दूसरे कांग्रेस नेताओं और समर्थकों के बीच दिखाया। जिससे यह संदेश जाए कि सिंधिया, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच किसी भी तरह की वर्चस्व की लड़ाई नहीं है।

दिग्विजय सिंह के आगे आधा झुककर हाथ जोड़कर स्वागत किया
इतिहास गवाह है कि छोटी रियासत का राजा, बड़ी रियासत के राजा के सामने झुकता है परंतु ग्वालियर जैसी बड़ी रियासत से आने के बावजूद सिंधिया ने राधौगढ़ जैसी छोटी सी रियासत से आने वाले दिग्विजय सिंह के आगे आधा झुककर और हाथ जोड़कर राजा साहब संबोधित कर स्वागत किया। शायद सिंधिया ने स्पष्ट कर दिया था कि अब पुराना खेल बंद हो जाना चाहिए। उन्होंने सार्वजनिक रूप से दिग्विजय सिंह को वरिष्ठ नेता का सम्मान दिया। उम्मीद थी, दिग्विजय सिंह भी इस कार्यक्रम में सिंधिया को दिल से आशीर्वाद देंगे। 

कमलनाथ के लिए कार का दरवाजा खोला 
इसके बाद सिंधिया ने कमलनाथ को गाड़ी में फ्रंट सीट ऑफर की और खुद पीछे बैठने चले गए। इस दौरान दिग्विजय सिंह जब दूसरी गाड़ी में बैठने लगे तो सिंधिया ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें अपने पास ले आए और लगभग खुद ही दरवाजा खोलने की स्थिति में आकर दिग्विजय को अपनी गाड़ी में बाएं तरफ बैठाया। सिंधिया खुद भी पीछे की सीट पर दाएं तरफ बैठ गए। दूसरे कांग्रेस नेता अन्य गाड़ियों में बैठकर लहार के लिए रवाना हुए। ग्वालियर से ही लगभग आधा सैकड़ा से अधिक वाहनों में बैठकर बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता लहार पहुंचे।

दिग्विजय सिंह ने चली कुटिल चाल
दिग्विजय सिंह ने इस कार्यक्रम में एक कुटिल चाल चली। उन्होंने सभा को संबोधित करने के लिए सभी नेताओं को पहले भेज दिया। जब सिंधिया का भाषण समाप्त हुआ तो भीड़ कम होने लगी। अंत में दिग्विजय सिंह आए। उन्होंने 1993 की एकता की याद दिलाई। किस तरह माधवराव सिंधिया, कमलनाथ और उन्होंने एकजुट होकर भाजपा की सरकार बदल दी थी। फिर वो कर डाला जिसकी उम्मीद शायद मेजबान गोविंद सिंह को भी नहीं थी। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ देखते हुए मुस्करा कर कहा-जाओ और हमसे नहीं बल्कि भाजपा एवं शिवराज सिंह से लड़ो। दिग्विजय की इस बात के बाद न सिर्फ मंच पर बैठे नेता एक-दूसरे की तरफ देखने लगे। बल्कि सभा स्थल पर लोगों में भी इस बयान को लेकर चर्चा होती रही कि आखिर इसके क्या मायने हैं? दिग्विजय सिंह के इस बयान से भाजपा और आरएसएस ने राहत की सांस ली है। 

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