6वां विसंगतिपूर्ण था तो 7वां कैसे फायदेमंद हो सकता है: शिक्षक कांग्रेस

ग्वालियर। मप्र शिक्षक कांग्रेस ने कहा है कि शिवराज सिंह सरकार ने कैबिनेट की बैठक में 7वां वेतनमान मंजूर करके कर्मचारियों के साथ छलावा किया है। मप्र में अभी तक 6वें वेतनमान की विसंगतियां ही दूर नहीं हुईं। ऐसे में विसंगतियुक्त वेतनमान पर 7वां का लाभ कैसे मिल सकता है। यह तो त​भी संभव है जब 6वां वेतनमान की विसंगतियां दूर करने के बाद, उसके आधार पर 7वां वेतनमान तय किया जाए। 

सरकार के सामने 6वें वेतनमान में व्याप्त विसंगतियों को सुधार कराने प्रदेश के कर्मचारी संगठन संघर्ष रत हैं। विसंगतियों को नजर अंदाज कर सातवें वेतन मान की घोषणा कर सरकार कर्मचारियों के साथ छलावा कर रही है। सरकार को पे बैंड, ग्रेड-पे में सुधार करना था लेकिन सरकार ने वह दिया है, जो उन्हें देना था। कर्मचारियों की मांगों  पर कोई ध्यान हीं नही दिया गया। 60 कैडर के कर्मचारियों के पे-बैंड और ग्रेड-पे  में सुधार करना था, जो नहीं किया गया। प्रदेश के कर्मचारीआदेश का इंतजार कर रहे थे। विसंगतियों का खामियाजा सातवे वेतन मान में भी भुगतना पड़ेगा।

म.प्र.शिक्षक कांग्रेस सरकार की इस कर्मचारी विरोधी नीति की कटु शव्दों में भर्त्सना की है।सरकार से मांग की है कि छटवे वेतन मान की विसंगतियों का निराकरण भी 7वां वेतनमान के आदेशो के साथ ही जारी करें। मांग करने बालो में शिक्षक कांग्रेस नेता निर्मल अग्रवाल, बाल कृष्ण शर्मा, दामोदर जैन, जगदीश मिश्रा, किशन रजक, महेश भार्गव, कमल द्विवेदी, हरीश तिवारी, राम कुमार पाराशर, उमेश सिकरवार, रशीद खान, राजेंद्र गुजराती, के एस वर्मा भोलाराम शर्मा, प्रमोद त्रिवेदी, ओपी रिछारिया, रामसेवी चौहान, प्रमोद शर्मा, वीएल वर्मा, मुकेश जापथाप, डा.जीएल शर्मा, आदि शामिल हैं। 

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