इंदौर। इंदौर के आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान चार हजार सात सौ जनधन खातों में कालाधन खपाने की पुष्टि की है। शुरुआती जांच के बाद अब दूसरे दौर की कार्रवाई में कालाधन खपाने वालों को विभाग निशाने पर लेगा। यह जानकारी सोमवार को आयकर दिवस के मौके पर मुख्य आयकर आयुक्त अजय कुमार चौहान ने दी है। उन्होंने कहा कि विभाग अब करदाताओं को सीधे जोड़ने के लिए काम कर रहा है।
मार्केट इंटेलीजेंस से कर चोरों पर नजर
मुख्य आयकर आयुक्त के मुताबिक इंदौर रेंज के मालवा-निमाड़ में कर योग्य श्रेणी में आने वाले लोग आयकर नहीं चुका रहे हैं। इनकी संख्या काफी ज्यादा है। विभाग अगली रणनीति में इन लोगों तक पहुंचने के लिए करदाताओं को जागरूक करने के साथ डेटा माइनिंग और मार्केट इंटेलीजेंस की मदद लेगा। जीएसटी भी विभाग को नए आयकरदाताओं का सुराग देगा।
कोड में सुराग
चौहान के मुताबिक कारोबारियों को जारी हो रहे 16 अंकों के जीएसटी नंबर में पहले दस अंक पैन कार्ड से सीधे जुड़े हैं। जीएसटी नंबर के जरिए कारोबारी का पूरा ब्योरा विभाग को मिलेगा। इसके विश्लेषण से लोगों की कमाई की सटीक जानकारी निकाली जा सकेगी। ऐसे लोगों तक भी पहुंचा जाएगा जो अब तक कमाई छिपाते रहे हैं।
पिछले साल के मुकाबले 37 फीसदी ज्यादा लक्ष्य
पिछले वित्त वर्ष में आयकर विभाग इंदौर के राजस्व में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। रिकॉर्ड तोड़ टैक्स जमा होने के पीछे नोटबंदी और आईडीएस जैसी केंद्र की योजनाओं को जिम्मेदार माना जा रहा है। इस वित्त वर्ष के लिए विभाग को 1950 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य दिया गया है जो बीते वर्ष के रिकॉर्ड तोड़ राजस्व के मुकाबले भी 37 प्रतिशत ज्यादा है। बदले हालात में इतना राजस्व जुटाना मुश्किल लग रहा है। हालांकि विभाग कह रहा है कि इस लक्ष्य को भी पार कर लिया जाएगा। इसके लिए भी रणनीति बना ली गई है। इशारा किया जा रहा है कि केंद्र फिर से कुछ कड़े कदम उठाने जा रहा है।