जुलानिया ने एक साथ 250 एई को कार्यमुक्त कर दिया

भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया का डंडा एक बार फिर सुर्खियों में है। उन्होंने नरेगा में प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे 250 असिस्टेंट इंजीनियर्स को एक साथ कार्यमुक्त कर दिया है। जुलानिया का आदेश आते ही नरेगा प्रबंधन ने 24 घंटे के भीतर सबको वापस भेज दिया। इस आदेश के साथ ही एक बार फिर प्रदेश भर में हड़कंप की स्थिति बन गई है। वो तमाम कर्मचारी जो प्रतिनियुक्ति पर दूसरे विभागों में काम कर रहे हैं, भयभीत हैं। कहीं उनके साथ भी ऐसा ही ना हो जाए। 

पत्रकार श्री पुष्पेन्द्र सिंह की रिपोर्ट के अनुसार अपर मुख्य सचिव जुलानिया ने जारी आदेश में कहा है कि मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद के अधीन प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अभियंताओं की महात्मा गांधी नरेगा के लिए आवश्यकता नहीं है। प्रतिनियुक्ति से कार्यमुक्त ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अभियंता उनकी उपस्थिति उनके जिले के संबंधित संभागीय कार्यपालन यंत्री को देंगे। संबंधित संभागीय कार्यपालन यंत्री उनकी पदस्थापना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के विभिन्न इकाइयों एवं कार्यक्रमों के लिए जरूरत के अनुसार करेंगे। 

आदेश दिया गया है कि अन्य विभागों के प्रतिनियुक्ति से कार्यमुक्त अभियंता उनके संबंधित मुख्य अभियंता या प्रमुख अभियंता को उपस्थिति देंगे। मनरेगा की आयुक्त को आदेशित किया है कि कार्यमुक्त अभियंताओं के वेतन-भत्तों का आहरण नरेगा से नहीं किया जाए। विभाग ने एक अन्य आदेश से सात अन्य अधिकारियों को मूल विभाग में भेज दिया है।

जुलानिया पर भारी पड़े पटेल
वहीं तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर सतना में पदस्थ परियोजना अधिकारी एमआर पटेल को मूल विभाग में भेजने संबंधी आदेश जुलानिया पर भारी पड़ गया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पटेल को तिलहन संघ में वापस भेजने के निर्देश दिए थे लेकिन, पटेल को मूल विभाग भेजने की जगह सतना में ही पदस्थ रखा गया तथा उन्हें उचेहरा का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया गया। स्थानीय विधायक शंकरलाल तिवारी ने विधानसभा में प्रश्न के माध्यम से पूछा तो विभाग ने जवाब दिया है कि पटेल को अफसरों की कमी को देखते हुए पदस्थ किया है।

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