फिर सामने आया खूनी व्यापमं: पेशी से 1 दिन पहले आरोपी की संदिग्ध मौत

भोपाल। सीबीआई ने भले ही व्यापमं घोटाले से जुड़े आरोपियों एवं गवाहों की मौत पर क्लोजर रिपोर्ट लगा दी हो परंतु संदेह की सुई ने जनता के दिमाग में घूमना बंद नहीं किया है। सवाल वही है कि आखिर क्यों व्यापमं घोटाले के आरोपी एवं गवाहों की असमय मौत हो रही है। फाइलों में एक्सीडेंट दर्ज हो या सुसाइड लेकिन कुछ तो है जो असामान्य है। ये महज इत्तेफाक नहीं हो सकता। ताजा खबर मुरैना से आ रही है। यहां व्यापमं के एक आरोपी प्रवीण यादव ने बुधवार सुबह संदिग्ध मौत हो गई। प्रवीण का शव फांसी पर लटका मिला। पुलिस का कहना है कि यह सुसाइड है ज​बकि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। कल गुरूवार को उसकी जबलपुर हाईकोर्ट में पेशी थी। 

पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के महाराजपुर गांव में रहने वाले प्रवीण ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। वह व्यापमं घोटाले में आरोपी था और गुरुवार को उसकी उच्च न्यायालय में पेशी थी और शायद पेशी के तनाव के चलते उसने यह कदम उठाया। उसने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि वर्ष 2008 में प्रवीण का चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए चयन हुआ था और उसे 2012 में व्यापमं का आरोपी बनाया गया था। विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद से उसे नियमित रूप से पेशी पर उच्च न्यायालय जबलपुर जाना होता था। गुरुवार को भी उसकी पेशी थी।

परिजनों का कहना है कि प्रवीण पढ़ने में अच्छा था और अपनी योग्यता से उसका व्यापमं में चयन हुआ था, लेकिन उसे बेवजह व्यापमं में झूठा फंसाया गया। जिससे वह लगातार परेशान रहता था। वह बार-बार बयान देते-देते परेशान हो चुका था। उसके पास कोई रोजगार नहीं था। शायद इसी के चलते उसने यह कदम उठाया है। 

व्यापमं घोटाले की वर्तमान में सीबीआई जांच कर रही है। इससे पहले एसटीएफ और एसआईटी जांच कर चुके है। जांच के दौरान 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें कई मौतें संदिग्ध है। इनमें आजतक समाचार चैनल के संवाददाता अक्षय सिंह की मौत भी शामिल है। व्यापमं भर्ती और एडमिशन से जुड़ा एक घोटाला था। जिसमें कई राजनेता, सीनियर अधिकारी और बिजनेसमैन शामिल हैं। सरकार ने इस घोटाले के खुलासे के बाद व्यापमं का नाम बदलकर मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (MPPEB) कर दिया है। मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे राम नरेश यादव के बेटा शैलेष यादव भी व्यापमं घोटाले में आरोपी था एवं उसकी भी संदिग्ध मौत हो गई थी। परिवार ने इसे सामान्य मौत करार दिया था। 

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