मप्र स्कूल शिक्षा विभाग के 15 अधिकारी अयोग्य, स्टे खारिज, सेवाएं समाप्त

जबलपुर। 60 साल की उम्र पूरी करने के बावजूद हाईकोर्ट से स्टे लेकर अपने पदों पर डटे स्कूल शिक्षा विभाग के 15 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इन सभी की सेवाएं समाप्त हो गई हैं। हाईकोर्ट ने मप्र शासन का पक्ष सुनने के बाद इस तरह के सभी मामलों पर से एक साथ स्टे हटा लिया है। जो अधिकारी अयोग्य घोषित हो गए हैं उनमें सीमेट के संचालक अवधकिशोर मिश्रा, लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक एके दीक्षित जैसे नाम भी शामिल हैं। 

विभाग में शिक्षक, व्याख्याता या किसी अन्य शैक्षणिक पद पर 20 साल पढ़ाने का अनुभव रखने वाले कर्मचारियों को 62 साल और इससे कम या कभी नहीं पढ़ाने वाले कर्मचारियों को 60 साल में सेवानिवृत्त करने का प्रावधान है। इन अधिकारियों ने शैक्षणिक पद पर रहने का अनुभव बताकर हाईकोर्ट से अंतरिम राहत ले ली और 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद भी नौकरी कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर अधिकारियों ने लगभग 62 साल की आयु भी पूरी कर ली है। 

सूत्र बताते हैं कि हाल ही में हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। मामले में शासन की ओर से ओआईसी ने वकील के माध्यम से जवाब प्रस्तुत किया। इस आधार पर ऐसे सभी प्रकरणों को क्लब कर लिया गया और दो दिन पहले कोर्ट ने अधिकारियों की अंतरिम राहत खारिज कर दी है। हालांकि प्रकरण पर सुनवाई जारी रहेगी। इस संबंध में आयुक्त लोक शिक्षण नीरज दुबे से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।

ये अधिकारी होंगे कार्यमुक्त
डीपीआई में अपर संचालक असमा नसीर, संयुक्त संचालक एके पाठक, उप संचालक शेखर वर्मा, रीवा जेडी रश्मि शुक्ला, मंदसौर डाइट में पदस्थ उर्मिला तोमर, अशोक नगर डीईओ आरएस निम, सीधी डीईओ एसएस ठाकुर, जानकी सीहोटे आदि शामिल हैं।

इनसे होगी रिकवरी
यदि प्रकरण में फैसला शासन के पक्ष में आता है, तो अंतरिम राहत का लाभ लेकर दो साल ज्यादा नौकरी करने वाले अधिकारियों से रिकवरी भी होगी। इनमें केके पांडे, वीएस सक्सेना, ओपी शर्मा शामिल हैं। ये अफसर 62 साल की सेवा पूरी कर सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

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