मप्र में 10 हजार पटवारियों की भर्ती जल्द ही: शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। राजस्व अमले की कमी पूरी करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही 10 हजार पटवारियों की भर्ती करेगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भोपाल के समन्वय भवन में मोबाइल एप के उद्घाटन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए इस वर्ष से फसल गिरदावरी संबंधी जानकारी मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से संग्रहीत की जाएगी। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पटवारियों को उनके मोबाइल पर ही ग्राम के समस्त भूमि स्वामियों के सभी खसरों की जानकारी प्राप्त हो जाएगी।

इसके अलावा लगाईं गई फसल की जानकारी ग्राम से ही भरी जा सकेगी। उन्होंने आगे कहा कि राजस्व अमले की कमी पूरी करने के लिये जल्दी ही 10 हजार पटवारियों, 550 तलसीलदारों और 940 नायब तहसीलदारों की भर्ती की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने राजस्व विभाग प्रमुख को पटवारियों की विभागीय पदोन्नति के संबंध में भी विचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रशासन को प्रभावी बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है।

टैब खरीदने मिलेगी राशि...
उन्होंने पटवारियों को सूचना प्रोद्योगिकी का उपयोग करने के लिये टैब खरीदने के लिये उनके खाते में आवश्यक राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से लोगों के प्रति जवाबदेह है। बोनी के समय के आंकड़ों का शुद्ध रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिये हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं। किसानों को समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर के आधार पर आदर्श दर से भुगतान करने का नवाचारी प्रयोग भी किया जायेगा।

राजस्व विभाग का क्रांतिकारी कदम
मोबाइल एप से होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग का यह क्रांतिकारी कदम भविष्य में बदलाव लाएगा। पारंपरिक बस्ते से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने एप संचालन के लिये एनआईसी का उपयोग करने के निर्देश दिए। फसल गिरदावरी प्रतिवर्ष की जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह वर्ष में दो बार खरीफ और रबी सीजन की बुवाई के बाद की जाती है। इसे भू-अभिलेखों में दर्ज किया जाता है। यह कृषि सांख्यिकी एकत्रित करने की प्रक्रिया है। इसके आधार पर फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन संबंधी अनुमान की जानकारी तैयार की जाती है। फसल गिरदावरी के आधार पर ही खरीफ और रबी फसलों के बोए गए रकबे के आंकड़े प्राप्त होते हैं। उस आधार पर प्रमुख फसलों के उत्पादन व उत्पादकता अनुमान तथा राज्य एवं देश की कृषि दर निर्धारित की जाती है।

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