भोपाल। पिछले दिनों सऊदी अरब से एक खबर आई थी। वहां रहने वाले भारतीय परिवारों पर एक अजीब तरह का टैक्स लगा दिया गया था। कहा गया था जो परिवार में जो लोग बेरोजगार हैं, उन्हे टैक्स चुकाना होगा। अब मप्र से भी ऐसी ही खबर आ रही है। यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन परिवारों में 1 से ज्यादा कारें हैं, उन पर टैक्स लगाया जाना चाहिए। रईसों के लिए प्रस्तावित इस टैक्स का मीडिया क्लास और गरीब स्वागत कर सकते हैं परंतु यदि सरकार को इस तरह के टैक्स लगाने की अनुमति दे दी गई तो वो कल को और भी कुछ कर सकती है। कह सकती है कि एक व्यक्ति के लिए 10X10 का कमरा पर्याप्त है। जिनके पास इससे बड़ा मकान है, उन पर 10 गुना प्रॉपर्टी टैक्स लगाना चाहिए।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी मिशन की दूसरी वर्षगांठ पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में प्रदूषण पर चिंता जाहिर कर रहे थे। यहां उन्होने चार्टड बाइक, जिसे साइकिल कहते हैं का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे शहरों में रोज सांसों के जरिए जहरीली हवा शरीर के भीतर जा रही है। इससे निपटने के लिए गाड़ियों की संख्या को नियंत्रित करना चाहिए। इसके लिए एक घर में एक ही गाड़ी के बारे में विचार किया जा सकता है। जिसके यहां ज्यादा गाड़ी हो तो उससे ज्यादा कीमत वसूलना चाहिए। यह इसलिए भी सही है क्योंकि ऐसे लोग गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण को ज्यादा प्रदूषित कर रहे हैं।
गौरतलब है कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भी पार्किंग नीति के मसौदे में कारों पर अलग से टैक्स लगाने व मकान में पार्किंग का स्थान तय करने जैसे प्रावधान किए हैं। अब इन प्रावधानों को लागू करने का काम परिवहन विभाग का है। लिहाजा परिवहन विभाग मोटरयान अधिनियम में बदलाव कर टैक्स लगाने की संभावना को कानूनी रूप से अमलीजामा पहना सकता है।
बता दें कि जब भी आप कोई वाहन खरीदते हैं सरकार आपसे टैक्स वसूलती है। यह टैक्स इसीलिए होता है कि इस वाहन से होने वाले प्रदूषण का खात्मा करने के उपाय किए जाएं। ये सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार वाहनों से रोड टैक्स भी वसूलती है परंतु इन दिनों पीपीपी के तहत सड़कें बना दी गईं हैं और जिस वाहन का रोड टैक्स पहले से जमा है, उससे सड़क पर चलने के लिए एक और टैक्स वसूला जा रहा है। यहां याद रखना होगा कि 1857 की क्रांति धर्म की रक्षा के लिए हुआ सैनिक विद्रोह था लेकिन 1947 की क्रांति अंग्रेजों के मनमाने टैक्स के खिलाफ ही थी।