सीएम शिवराज सिंह कृत नेकी की दीवारें बदहाल, कोहेफिजा से हटाई जाएगी

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह ने दुनिया का सबसे अलग मंत्रालय 'आनंद मंत्रालय' बनाया। बड़ी धूमधाम के साथ राजधानी में नेकी की दीवारें बनाई गईं, लेकिन अब ये सारी दीवारें जिन्हे आनंदम केन्द्र भी कहते हैं, बदहाल पड़े हैं। यहां ना कोई देने आता है और ना ही कोई लेने। शिवराज सिंह का आनंद मंत्रालय अब सरकार को दुख देने लगा है अत: तय किया गया है कि कोहेफिजा स्थित आनंदम केंद्र को बंद कर दिया जाएगा। सरकार का यह आइडिया पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो गया। 

कोहेफिजा स्थित केन्द्र को कॉन्सेप्ट स्कूल के केन्द्र में मर्ज करने की सैद्धांतिक सहमति बन गई है। कोहेफिजा केन्द्र को शिफ्ट करने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि अभी जिस स्थान पर नेकी की दीवार है वहां ज्यादातर अमीरों की बसाहट है, इसलिए लोगों का रुझान नहीं दिखा। इसे शुरू करते हुए कहा गया था कि यह केंद्र अमीरों की बसाहट के आसपास है इसलिए यहां सबसे ज्यादा दान आएगा।  दरअसल, मीडिया में सुर्खियां पाने के लिए सरकार ने आनंदम केंद्र तो शुरू कर दिए लेकिन उसके बाद इनकी देखभाल नहीं की गई। लोगों को कहां और किससे संपर्क करना है ऐसा कोई नंबर प्रचारित नहीं हुआ। प्रारंभिक दौर में इन केन्द्रों पर कुछ संस्थाओं की सक्रियता नजर आई लेकिन बाद में वे भी पीछे हटने लगीं।

क्यों बनाए थे आनंदम केंद्र
सरकार ने 'नेकी की दीवार' कांसेप्ट के तहत आनंदम केंद्र बनाए थे। अपील की गई थी कि जिसके पास जो भी सामग्री अतिरिक्त है वो यहां रख जाए और बदले में उसे जिस चीज की जरूरत है उठा ले जाए। शुरूआत में सीएम शिवराज सिंह खुद कुछ सामान रखने के लिए आनंदम केंद्र गए थे लेकिन इसके बाद किसी नेता ने इस तरफ रुख ही नहीं किया। सरकार भी अपने कामकाज में व्यस्त हो गई। 

लाल बहादुर और मोदी की लिस्ट में शामिल होना चाहते थे शिवराज
दरअसल, इस योजना के तहत सीएम शिवराज सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री और वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी की लिस्ट में शामिल होना चाहते थे। उन दिनों भारत में अकाल पड़ा था। अमेरिका से घटिया गेंहू भेजा जा रहा था। पीएम लालबहादुर शास्त्री ने उसे खरीदने से इंकार कर दिया। उन्होंने जनता से अपील की कि वो सप्ताह में एक दिन अन्न का त्याग करे। पूरा देश सोमवार का व्रत रखने लगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने अचानक नोटबंदी की ओर देशवासियों से सहयोग की अपील की। सारा देश घंटो लाइन में खड़ा रहा लेकिन किसी ने मोदी का विरोध नहीं किया। सीएम शिवराज सिंह चाहते थे कि कुछ ऐसा ही होगा। मध्यप्रदेश की जनता आनंदम केंद्रों में अनुपयोगी सामान दान करने के लिए लाइन लगाकार आएगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आम जनता तो दूर की बात, भाजपा कार्यकर्ता तक आनंदम केंद्रों की तरफ देखना पसंद नही कर रहे। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !