गुजरात में PROPERTY के दाम धड़ाम, 50 प्रतिशत नीचे गए

नई दिल्ली। कहते हैं गुजरात की तो हवा में भी धंधा है साहिब, लेकिन अब शायद ऐसा नहीं रहा। किसी जमाने में नक्शा दिखाकर करोड़ों के बंगले बेच देने वाला गुजरात अब बने बनाए मकान नहीं बेच पा रहा है।रेरा यानी रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के अमल का इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है जिस कारण गुजरात में रियल एस्टेट इंडस्ट्री में सुस्ती छाई है। प्रॉपर्टी की बिक्री में भी 50 फीसदी तक की गिरावट आ गई है। न तो नए रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं और न ही नए प्रोजेक्ट। बिल्डरों का कहना है कि मई से लागू होने वाले रेरा के इंतजार में नए प्रोजेक्ट अप्रैल से ही आने बंद हो गए थे और अब रजिस्ट्रेशन में देरी की वजह से नए प्रोजेक्ट भी नहीं आ रहे।

पहले नोटबंदी ने इंडस्ट्री को झटका दिया अब घर खरीदार रेरा के बाद ही आगे बढ़ना चाहते हैं। नतीजा ये है कि प्रॉपर्टी की मांग में 50 फीसदी तक की गिरावट आई है। गुजरात रेरा लागू करने वाले राज्यों में सबसे आगे था लेकिन अब तक अथॉरिटी बनाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। कोई ताज्जुब नहीं कि इस लेटलतीफी का असर पूरे सेक्टर पर हो रहा है।

गुजरात के बिल्डर्स का यह भी कहना है कि अगर रेरा का अमल अब से होना शुरू होगा तब भी अगले 6 महीने तक नए प्रोजेक्ट्स लाना मुश्किल होगा। इस बीच इनके पास जो स्टॉक पड़ा है वो खाली करने की अच्छी संभावना है।

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