घोटाला: PACL के नाम हो गईं किसानों की जमीनें, हड़कंप

सुसनेर/आगर मालवा। आगर मालवा जिले के कई गांवों के किसानों की जमीन फर्जी तरीके से एक प्राइवेट कंपनी के नाम कर दी गईं। इस घोटाले में किसका हाथ है यह पता नहीं चल पाया है लेकिन किसानों में हड़कंप मचा हुआ है। ज्यादातर ग्रामीण अब अपनी-अपनी जमीन के दस्तावेज खंगाल रहे हैं कि कहीं उनकी जमीन भी तो किसी कंपनी के नाम बंधक न हो गई हो। इस मामले में जिला प्रशासन के पास ग्रामीणों की लगातार शिकायतें आ रही हैं। मामले में अब सुसनेर विधायक मुरलीधर पाटीदार ने उज्जैन संभाग आयुक्त को पत्र लिखकर जांचकर दोषियों पर कार्यावाही की मांग की है।

सोमवार को क्षेत्रीय विधायक मुरलीधर पाटीदार ने प्रेस नोट जारी कर मामले की जानकारी पत्रकारों को दी। विधायक के अनुसार विधानसभा क्षेत्र के कई किसानों की जमीन की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से पीएसीएल कम्पनी के नाम की गई है। आगर-मालवा जिले के कई गांवों के किसानों की जमीन के दस्तावेजों में कॉलम 12 में बंधक दर्ज किया गया है। सुसनेर विधानसभा के अंतर्गत ग्राम सरदारपुरा, मगरिया, आंनदीखेड़ी, कचनारिया, बोरखेड़ीगुजर, ठिकरिया, धन्देड़ा, खोयरिया, चापाखेड़ा आदि गांवों की लगभग 36 हजार बीघा जमीन फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर बंधक बना रखी है। कम्पनी द्वारा फर्जी तरीके से आगर-शाजापुर जिले के किसानों की जमीन बंधक बनाने के मामले को विधायक पाटीदार ने विधानसभा सत्र फरवरी-2017 में उठाया था।

मामला यह है कि जस्टिस लोधा कमेटी को त्रुटिपूर्ण व एकपक्षीय साक्ष्य प्रस्तुत कर पीएसीएल कम्पनी ने शाजापुर और आगर जिले के कृषकों की जमीने फर्जी तरीके से अपने पक्ष में रजिस्ट्री करवा ली थी, जिसमें गवाह भी फर्जी खड़े किए गए थे। किसानों की जमीन इस तरह से अचानक बंधक किए जाने से किसानों में भ्रम और भय का माहौल बना हुआ है। विधायक पाटीदार ने मुख्यमंत्री से चर्चा कर मामले में उचित कार्यवाही के लिए अनुरोध किया। इस पर मुख्यमंत्री ने संभाग आयुक्त उज्जैन को जांच के आदेश दिए हैं। विधायक ने पृथक से संभाग आयुक्त उज्जैन को पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने जांच शीघ्र कर दोषियों पर कार्यवाही करने और किसानों को राहत प्रदान करने की मांग की है।

सामने आ सकते हैं और मामले
आगर-मालवा व शाजापुर जिले में और भी कई इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं, जिसमें किसानों की लाखों बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री की गई हो। इसके पूर्व भी सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में फर्जी रजिस्ट्री के कई मामलों का खुलासा हो चुका है, जिनमें जांच के बाद एफआईआर भी हुई है लेकिन बाद में ठोस कार्यवाही ना होने के कारण इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष भी नहीं बच पाए
आगर-मालवा जिले के कांग्रेस जिला अध्यक्ष बाबूलाल यादव के परिवार की 105 बीघा जमीन की रजिस्ट्री भी फर्जी तरीके से की गई है। यादव के अनुसार उन्हें इस बात की जानकारी नलखेड़ा क्षेत्र के उनके रिश्तेदारों द्वारा निकाली गई सूची से लगी। सूची में 105 बीघा जमीन के आगे बंधक लिखा हुआ था। जानकारी लगने के बाद ऑनलाइन रजिस्ट्री देखी गई तो उसमें जमीन की फर्जी रजिस्ट्री होना पाया गया। रजिस्ट्री में मेरे फोटो की जगह अन्य व्यक्ति का फोटो लगा हुआ था, वहीं मेरे हस्ताक्षर के स्थान पर किसी ने अंगूठे का निशान लगा रखा था, जो मेरा नहीं था।

650 करोड़ के स्टाम्प खरीदे!
सूत्रों की मानें तो मामले से जुड़ी पीएसीएल कंपनी के कुछ लोगों द्वारा फर्जी तरीके से जमीन खरीदने के लिए शाजापुर जिला मुख्यालय से बड़ी मात्रा में स्टांप खरीदे। पीएसीएल कंपनी के लोगों ने ही नई-नई कंपनियां बनाकर 650 करोड़ के स्टांप क्रय किए और बाद में इन स्टांपों पर बड़े पैमाने पर फर्जी रजिस्ट्रियां की गईं। सुसनेर एसडीएम जीएस डावर के अनुसार उन्हें कुछ अन्य जमीनों के फर्जी तरीके से क्रय होने की जानकारी लगी है, जिनकी जांच की जाएगी।

कांग्रेस कर सकती है उग्र आंदोलन
मामले की गंभीरता व किसानों की परेशानी को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी किसानों के हित में आंदोलन कर सकती है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बाबूलाल यादव के अनुसार समय रहते किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो कांग्रेस किसानों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेगी।

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