MP: राजनीति की चक्की में फंस गए किसान

शैलेन्द्र गुप्ता/भोपाल। मप्र के किसान अब राजनीति की चक्की में फंस गए हैं। ना तो सरकार कोई समाधान कर रही है और ना ही विपक्षी पार्टियां मामले को समाधान की तरफ ले जाने की कोशिश कर रहीं हैं। किसान को बीच में रखकर सारी पार्टियां अपने अपने झंडे ऊंचे करने में लगीं हैं, जबकि किसान मानसून आ जाने के बावजूद मंडिया के बाहर खुले आसमान के नीचे पड़ा है। बारिश के कारण प्याज का सड़ना शुरू हो गया है और सरकार सड़ी प्याज खरीदने को तैयार नहीं है। नोटबंदी के समय बैंकी लाइन में लगे लोगों को चाय पिलाने वाली कांग्रेस किसानों को पानी तक नहीं पिला रही है। आम आदमी पार्टी भी बस मुद्दा भुनाने ग्राफ बढ़ाने में लगी है। 

मध्यप्रदेश में भाजपा की किसान संदेश यात्रा शुरू हो गई है तो कांग्रेस विंध्य में किसान सभाएं और खलघाट जैसी किसान महापंचायत इंदौर व भिंड में करने जा रही है। इसी तरह आम आदमी पार्टी (आप) भी राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का आयोजन कर रही है, जिसकी शुरूआत 15 जुलाई को भोपाल से होगी।

भारतीय किसान मजदूर महासंघ के आह्वान पर एक से दस जून तक हुए किसान आंदोलन के हिसंक होने के बाद पैदा हुए हालातों से किसानों के प्रति सहानुभूति बढ़ी है। सरकार के प्रति नाराजगी की स्थितियां पैदा होने से विपक्षी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं।

प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अब तक किसानों के इस मुद्दे को थाम कर रखा है। राजधानी के टीटी नगर में सत्याग्रह, खलघाट में किसान महापंचायत के बाद अब विंध्य में मंगलवार से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सीधी-सिंगरौली में नौ किसान सभाएं करने जा रहे हैं। वहीं दूसरी किसान महापंचायत भिंड जिले के लहार में होने जा रही है और इसी क्रम में तीसरा आयोजन इंदौर में किए जाने की तैयारियां हैं।

किसान स्वाभिमान यात्रा का कार्यक्रम बनेगा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी किसानों के मुद्दे पर अपनी रणनीति को पुख्ता बनाने के लिए 29 जून को जिला अध्यक्षों व प्रदेश पदाधिकारियों की एक बैठक करने जा रही है। इसमें आंदोलन की रूपरेखा बनाकर ज्यादा से ज्यादा कांग्रेसजनों की भागीदारी करने का प्रयास रहेगा। सूत्र बताते हैं कि इसमें किसान स्वाभिमान यात्रा को अंतिम रूप दिया जाएगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस दौरान अगले महीने मप्र आ सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि उनके मंदसौर में आने की संभावना ज्यादा है।

किसान के खेत में अपनी फसल की तैयारी 
आम आदमी पार्टी का देशभर में राष्ट्रीय किसान सम्मेलनों के माध्यम से चलाया जाने वाला किसान आंदोलन भी मप्र से शुरू होगा। भोपाल में 15 जुलाई को पहला राष्ट्रीय किसान सम्मेलन होगा, जिसमें कई राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे।

मंदसौर से दिल्ली किसान संगठनों का मार्च
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा करीब दो सौ किसान संगठनों के साथ 6 जुलाई को किसान मुक्ति यात्रा निकालने जा रहा है। मंदसौर से यात्रा चलकर मप्र, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, यूपी और हरियाणा होते हुए 18 जुलाई को दिल्ली पहुंचेगी। दिल्ली पंहुचकर यात्रा जंतर-मंतर पर मोर्चे का स्वरूप ले लेगी। यह अभियान कर्ज मुक्ति और फसल की लागत से ड्योढ़ी कीमत किसान को नहीं मिलने तक जारी रहेगा।

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