इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को फ्रीहेंड, MBBS के साथ शर्तें लागू: शिवराज की योजना

भोपाल। मप्र की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने 'मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना' के तहत टॉपर स्टूडेंट्स के साथ सौतेला व्यवहार किया है। सीएम शिवराज सिंह ने ऐलान किया है कि टॉपर्स की फीस का भुगतान सरकार करेगी लेकिन एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के साथ शर्त होगी कि परीक्षा पास करने के बाद उन्हे मप्र के ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देनी होंगी। अजीब बात यह है कि इंजीनियरिंग में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स की फीस भी सरकार भरेगी परंतु उनके साथ कोई शर्त लागू नहीं है। वो पढ़ाई पूरी करने के बाद कहीं भी नौकरी कर सकते हैं। विदेश भी जा सकते हैं। 

यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को की। वे लाल परेड ग्राउंड में मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत छात्रों को पुरस्कार दे रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि लॉ के लिए क्लेट के माध्यम से देश के किसी भी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में बारहवीं कक्षा के बाद के कोर्स की पूरी फीस सरकार देगी। सरकार इसमें किसी भी जाति या धर्म की बाध्यता नहीं रखेगी। सभी वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा से संबंधित किसी भी कोर्स के लिए राज्य सरकार फीस देगी, बशर्ते राज्य बोर्ड से 75 फीसदी और सीबीएससी, आईसीएससी में 85 प्रतिशत अंक हासिल करना होगा। परिवार की आय भी छह लाख से कम होनी चाहिए।

समारोह में माध्यमिक शिक्षा मंडल की हायर सेकंडरी परीक्षा में 85 प्रतिशत अथवा इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को लैपटॉप की राशि दी गई। अनुसूचित-जाति एवं अनुसूचित-जनजाति वर्ग के विद्यार्थी के लिए हायर सेकंडरी परीक्षा में 75 प्रतिशत अथवा इससे अधिक अंक लाने पर यह राशि उन्हें सौंपी गई। सीएम ने युवा उद्यमी योजना में युवाओं को दस लाख से लेकर दो करोड़ रुपए तक के बैंक लोन पर सरकार की गारंटी देने की बात की।

सभी स्कूलों में झंडावंदन अनिवार्य 
कार्यक्रम में उपस्थित स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा कि इस वर्ष से विद्यार्थियों में देश भक्ति और राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना को और अधिक बढ़वाने के लिए सभी शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक झंडा वंदन करना अनिवार्य कर दिया गया है। अब प्रतिदिन झंडा वंदन के बाद ही विद्यालयों की कक्षाएं संचालित की जाएगी। अगले वर्ष से कक्षा एक से 6वीं तक झंडा वंदन कराया जाएगा। प्रदेश के विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू कर दी गईं हैं। शीघ्र ही निजी विद्यालयों की फीस को नियंत्रित करने के कदम भी उठाए जाएंगे।

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