किसान आंदोलन: मोदी ने सस्ते LOAN वाली योजना 1 साल के लिए बढ़ाई

नई दिल्‍ली। किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे पर मचे हो-हल्‍ले के बीच केंद्र सरकार ने नया फैसला किया है। सरकार ने किसानों को सस्ता कर्ज मुहैया कराने की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कृषि ऋण से जुड़ी यह योजना 31 मार्च, 2017 को खत्म हो गई थी, लेकिन अब सरकार ने इसकी अवधि को एक वर्ष के लिए फिर बढ़ा दिया है। सरकार ने जिस प्रस्‍ताव को आज पास किया है उसके मुताबिक ये सुविधा 1 वर्ष तक के लिए लिए जाने वाले कृषि ऋण के लिए होगी। इसके लिए ऋण की अधिकतम सीमा 3 लाख रुपये रखी गई है।

सरकार के खर्च होंगे 19 हजार करोड़ रुपये
इस स्कीम के तहत सरकार करीब 19000 करोड़ रुपये खर्च करेगी और इसमें किसानों को 9 फीसद ब्याज पर मिलने वाला ऋण अब 4 फीसद ब्याज पर दिया जाएगा। इसका पांच फीसद ब्याज सरकार चुकाएगी। इस स्‍कीम के तहत सरकार अधिकतम तीन लाख रुपये तक का कर्ज देगी।

चौंकाने वाले हैं आंकड़े
नाबार्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015-16 में देशभर के किसानों पर कुल 8 लाख 77 हजार करोड़ का कर्ज बकाया है। उत्‍तर प्रदेश और महाराष्‍ट्र सरकार द्वारा कर्ज माफी के एलान के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर लगभग 9 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इससे एक ओर सरकार का राजस्व घाटा बढ़ेगा और दूसरी विकास योजनाएं प्रभावित होंगी।

बढ़ता जा रहा कर्ज
कर्जमाफी से जुड़े कुछ आकड़ों बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में बैंकों का कृषि क्षेत्र में बकाया कर्ज बढ़ता जा रहा है। 2014-15 में बैंकों का कृषि ऋण 8.4 लाख करोड़ रुपए और वर्ष 2015-16 में 9.1 लाख करोड़ था। वहीं वर्ष 2016-17 में यह 9.6 लाख करोड़ रुपए तक जा पहुंचा है।

इन राज्‍यों ने किया है कर्ज माफ 
गौरतलब है कि 2014 में आंध्र प्रदेश ने किसानों का 40 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया। वहीं तेलंगाना में 17 हजार करोड़ कर्ज माफ किया गया था। इसके अलावा इस वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार ने 36 हजार करोड़ रुपये के कर्ज की माफी का एलान किया था। वहीं महाराष्‍ट्र सरकार ने करीब 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का एलान किया है। पंजाब सरकार भी राज्‍य के किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी में दिखाई दे रही है।

इन राज्‍यों पर है इतना कर्ज बताया 
यहां पर ध्‍यान रखने वाली बात यह भी है कि पंजाब पर 1.25 लाख करोड़ का कर्ज अभी बकाया है। यही हाल मध्य प्रदेश और महाराष्‍ट्र का भी है जिसपर करीब 1.11 लाख करोड़ और 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। वहीं इस वर्ष किसानों के कर्ज को माफ करने वाले उत्तर प्रदेश पर भी करीब 3.75 लाख करोड़ का कर्ज बकाया है।

एक नजर इधर भी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2013-2015 के दौरान करीब 1,14,182 करोड़ का कर्ज माफ किया गया था। यदि आपको याद हो तो सरकार ने इसी वर्ष जनवरी में फसल ऋण पर दिए जाने वाले करीब 661 करोड़ के ब्‍याज को भी माफ करने का एलान किया था। इसके अलावा आंकड़े बताते कि सबसे अधिक कर्जदार वाले पंद्रह राज्‍यों में आंध्र पेदश समेत छत्‍तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्‍थान और तमिलनाडु का नाम शामिल है। वहीं दूसरी ओर वर्ष 2007-15 तक के बीच कृषि से जुड़े विभिन्‍न क्षेत्रों में काफी उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया है।

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