घर के मुखिया की हर विपत्ति से रक्षा के लिए आसान उपाय | JYOTISH TIPS

यदि हम पूरे ज्योतिष का सार निकाले तो एक बात अच्छी तरह से समझ आ जाती है की समस्त ब्रम्हान्ड तथा उसका हर कण भगवान सूर्य के द्वारा ही संचालित है जातक का सूर्य यदि अच्छा है तो उसका सारा जीवन अच्छा होगा यदि सूर्य बिगडा तो प्राणी पतन की और जाता है। हमारे सौर मंडल का केन्द्र सूर्य है सभी ग्रह इसकी परिक्रमा करते है आकाश मॆ इसे राज्यपद दिया गय़ा है संसार मॆ सभी राजा सूर्य कृपा से ही राज्य पाते है। जीवन मॆ ऊंचाई मान सम्मान प्रतिष्ठा भगवान सूर्य की कृपा से ही प्राप्त होता है। राज़सिक सुख, आरोग्य स्वस्थ देह भगवान सूर्य की ही देन है।

समाज मॆ सूर्य की स्थिति
परिवार मॆ पिता सूर्य ही होता है आपका पिता पक्ष बलवान है तो परिवार की अच्छी उन्नति होती है। घर ग्रहस्थी अच्छी तरह से चलती है। घर मॆ आनेवाली आपदा को खुद सामना कर वे परिवार के लिये कवच का कार्य करते हैं। जिस जातक की पत्री मॆ सूर्य शुभ होता है वह राज्यपद पाता है चाहे वह कितनी गरीब परिस्थिति मॆ पैदा हुआ हो अपनी मेहनत और हिम्मत से समाज तथा राज्य मॆ अपनी स्थिति मजबूत कर लेता है।

सूर्य कृपा के लिये क्या करें
भगवान सूर्य पूरे संसार के संचालक है जो जानता है मानता है उस पर तथा जो अज्ञानवश नही मानता उस से भी सूर्य का गहरा रिश्ता है क्योंकि वे हर जीव की आत्मा है। सनातन धर्म मॆ सूर्यकृपा के लिये पिता की सेवा, सूर्य को जल का अर्ध्य देना, आदित्यहृदय स्त्रोत के पाठ का विधान है इसके अलावा भगवान विष्णु के सभी अवतार का नाम स्मरण, हरिवंश पुराण का पाठ रामायण का पाठ बताया गय़ा है। अन्य धर्म के लोग सूर्योदय से पहले उठें तथा अपनी दैनिक दिनचर्या अच्छी कर ले तो ये भी सूर्यपूजा है निष्काम तथा लगातार विश्व कल्याण के लिये कार्य करना ही सूर्यपूजा है।
प.चंद्रशेखर नेमा "हिमांशु"
9893280184,7000460931
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