अब फटाफट मिलेंगे सस्ते HOME LOAN

नई दिल्ली। अब यदि आप सस्ता होमलोन लेना चाहते हैं तो बैंक आपका दरवाजे पर स्वागत करेगा। होमलोन के लिए आपका अमाउंट जितना कम होगा, बैंक उतनी ही तेजी से आपका लोन स्वीकृत कर देगा। आरबीआई ने होम लोन पर रिस्क वेटेज घटाने का जो फैसला किया है, उससे निजी और सरकारी बैंकों के लोन बांटने की रफ्तार में बढ़ोतरी हो सकती है। इससे उनको किफायती मकान की खरीदारी में दिलचस्पी रखने वालों को अट्रैक्ट करने में मदद मिल सकती है।

एनालिस्टों और ट्रेडर्स का मानना है कि आरबीआई का कदम पॉजिटिव है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे होम लोन की ग्रोथ में तेज उछाल आएगा। बुधवार को आरबीआई के पॉलिसी रिव्यू में इस फैसले के बाद गुरुवार को बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के शेयर के दाम में तेज उछाल आई थी। फिलहाल यह फैसला सिर्फ बैंकों पर लागू होगा, लेकिन इसका फायदा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को भी मिलेगा, अगर एचएफसी का रेगुलेटर नेशनल हाउसिंग बैंक भी ऐसा कोई कदम उठाए।

एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के शेयर गुरुवार को 1 से 3.9 पर्सेंट तक चढ़े थे। अगले दिन शुक्रवार को एचडीएफसी और कोटक बैंक के शेयर क्रमश: 0.64 और 0.66 पर्सेंट जबकि पीएनबी हाउसिंग का शेयर 4.44 पर्सेंट उछल गया था। आरबीआई ने 30 लाख से 75 लाख रुपये तक के होम लोन पर रिस्क वेट 50 पर्सेंट से घटाकर 35 पर्सेंट कर दिया। 75 लाख से ज्यादा के होम लोन का रिस्क वेट 75 से घटाकर 50 पर्सेंट कर दिया गया है।

एनालिस्टों का कहना है कि रिस्क वेटेज घटने से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के पास लोन बांटने के लिए ज्यादा पूंजी होगी। इससे सरकार की सभी योजनाओं को परोक्ष रूप से बढ़ावा मिल सकता है। क्वॉन्ट ब्रोकिंग के एनालिस्ट जिग्नेश शायल कहते हैं, 'इस कदम से बैंकों और एनबीएफसी के पास ज्यादा पूंजी आएगी लेकिन वे थोड़ा ही ज्यादा लोन बांट पाएंगे। इससे अफोर्डेबल हाउसिंग को परोक्ष रूप से अच्छा-खासा बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल हम केनफिन होम्स, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस और गृह फाइनेंस के शेयरों को लेकर खासे पॉजिटिव हैं।'

स्पार्क कैपिटल एडवाइजर्स के वीपी इक्विटी रिसर्च अभिनेश विजयराज ने कहा कि 20 लाख रुपये पर 15 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती से 3000 रुपये की बचत हो सकती है। 75 लाख रुपये से ज्यादा लोन वाली कैटेगरी में हुई कटौती इतनी तो है कि उससे पूंजी की खपत में खासा बदलाव आ सकता है।

हालांकि, कुछ टेक्निकल रिस्क वेट में कमी पर एनालिस्ट मझोले बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को लेकर ज्यादा पॉजिटिव नजर आ रहे हैं। सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट के डेरिवेटिव्स और टेक्निकल हेड आशीष चतुरमोहता के मुताबिक, 'फाइनेंशियल कंपनियों के शेयरों में खासी तेजी आ चुकी है तो इनमें थोड़ी गिरावट आ सकती है। लेकिन निवेशकों को इस मौके का फायदा उठाकर फेडरल बैंक और आरबीएल बैंक जैसे शेयरों में लॉन्ग पोजिशन बनाने के बारे में सोचना चाहिए। इनके शेयर अगले दो हफ्तों में क्रमश: 130 रुपये और 600 रुपये तक जा सकते हैं।'

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