भोपाल: आदिवासी स्कूल में छात्राओं का यौन शोषण, आला अधिकारी भी संदेह के दायरे में

भोपाल। राजधानी के बावड़िया कलां स्थित आदिवासी बोर्डिंग स्कूल गुरुकुलम में 10 से ज्यादा छात्राओं के यौन शोषण अफवाह सामने आई है। मामले की पुष्टि नहीं हुई है परंतु सूचना जांच के योग्य है। बताया जा रहा है कि उल्टी की शिकायत से पीड़ित छात्राओं को इलाज के लिए जेके अस्पताल भर्ती कराया। डॉक्टर ने इसे पुलिस केस बताया परंतु वार्डन पूर्णिमा जैन, एडीओ सुधीर श्रीवास्तव और डिप्टी कमिश्नर सीमा सोनी छात्राओं को हमीदिया ले जाने के बाद डिस्चार्ज कराकर ले गईं और फिर दूसरे प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराकर छात्राओं को हॉस्टल भेज दिया गया। यहां पर कुल 160 छात्राएं हैं। इसका शुभारंभ अप्रैल 2017 में सीएम शिवराज सिंह ने किया था।

बताया जा रहा है कि बीते सोमवार को करीब 10 बजे गुरुकुलम की डरी-सहमी छात्राओं को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत पर हॉस्टल वार्डन पूर्णिमा जैन जेके अस्पताल लेकर पहुंची। वार्डन ने वहां मौजूद डॉक्टरों को बताया कि इन छात्राओं ने कोई डरावना सपना देखा है, जिससे यह बहुत डरी-सहमी हुई हैं। इस वजह से इन छात्राओं को पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत है।

कहा जा रहा है कि डॉक्टरों द्वारा इन छात्राओं की मेडिकल जांच करने पर डॉक्टरों ने पाया कि इन छात्राओं का शारीरिक शोषण किया गया है। इलाज शुरु करने से पहले जब डॉक्टरों ने पुलिस को इस मामले की जानकारी देने की बात कही, तो हॉस्टल वार्डन ने एडीओ सुधीर श्रीवास्तव को अस्पताल बुलवा लिया।

डॉक्टरों द्वारा जब सुधीर श्रीवास्तव को छात्राओं के शारीरिक शोषण की बात बताई गई, तो उन्होंने डिप्टी कमिश्नर सीमा सोनी को भी अस्पताल बुलवा लिया। मामला बिगड़ता देख सीमा सोनी ने इन छात्राओं को हमीदिया अस्पताल ले जाने के नाम पर जेके अस्पताल से डिस्चार्ज करवा लिया।

बजाए हमीदिया अस्पताल जाने के सीमा सोनी इन छात्राओं को एक प्रायवेट डॉक्टर राकेश भार्गव के पास ले गईं। वहां से इन्हें वापस गुरुकुलम पहुंचा दिया गया। गुरुकुलम के एक कर्मचारी ने बताया कि गुरुकुलम में सब कुछ ठीक नहीं है। अस्पताल ले जाईं गईं छात्राओं को वार्डन और अन्य अधिकारियों ने डरा—धमका कर बाहरी व्यक्तियों से बात करने की मनाही लगा दी है। इसके अलावा इन छात्राओं को यह भी कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के सामने घटना को लेकर वही बयान दें, जो वार्डन बताएंगी। वार्डन ने किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है। 

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