ई-कॉमर्स दुकानदारों को GST में राहत

नई दिल्ली। सरकार ने जीएसटी के एक अहम प्रावधान को टाल दिया है। इसके तहत ई-कॉमर्स खिलाड़ियों की तरफ से उनके वेंडर्स को किए गए पेमेंट पर टैक्स काटना जरूरी किया गया था। जीएसटी को जल्द यानी 1 जुलाई से लागू किया जाना है। ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म को सप्लाई करने वाले छोटे बिजनेस को भी तत्काल इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। कुछ ई-कॉमर्स इकाइयों को इससे अपना बिजनेस गंवाने की आशंका थी। दरअसल, कुछ काफी छोटे सप्लायर्स हैं, जो अपने घर से ऑपरेट करते हैं और इन इकाइयों ने अब तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। इन इकाइयों ने सरकार के सामने अपनी मांग रखी थी। 

इस संबंध में सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने सप्लायर्स को भुगतान करते वक्त पेमेंट 1 फीसदी टीसीएस (टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स) वसूलने की जरूरत नहीं होगी। सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) और स्टेट जीएसटी कानून के तहत नोटिफाइड इकाइयों को 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के गुड्स या सर्विसेज के सप्लायर्स को पेमेंट पर 1 फीसदी टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) या टीसीएस काटने का नियम है। इस प्रावधान को फिलहाल रोक दिया गया है। इस संबंध में जारी फाइनेंस मिनिस्ट्री के बयान में कहा गया है, 'ट्रेड और इंडस्ट्री से मिली राय के आधार पर सरकार ने सीजीएसटी/स्टेट जीएसटी एक्ट 2017 के टीडीएस (सेक्शन 51) और टीसीएस (सेक्शन 52) को टालने का फैसला किया है, ताकि जीएसटी को बिना किसी बाधा के लागू किया जा सके।' 20 लाख से कम टर्नओवर वाली छोटी बिजनेस इकाइयों को ई-कॉमर्स के जरिये गुड्स या सर्विसेज की बिक्री करने के लिए जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। दूसरे शब्दों में कहें तो ई-कॉमर्स ऑपरेटर के जरिये गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई करने वालों को जीएसटी के लिए तत्काल रजिस्ट्रेशन हासिल करने की जरूरत नहीं होगी। 

बयान के मुताबिक, इस कदम का मकसद टैक्स एट सोर्स काटने के लिए जिम्मेदार लोगों/ई-कॉमर्स कंपनियों और उनके सप्लायर्स को ऐतिहासिक टैक्स रिफॉर्म की खातिर तैयार होने के लिए ज्यादा समय मुहैया कराना है। जीएसटी नेटवर्क पोर्टल ने टीडीएस, टीसीएस काटन वालों और ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स का रजिस्ट्रेशन 25 जून से स्वीकार करना शुरू कर दिया है। भारी भीड़ को देखते हुए सभी रजिस्ट्रेशन के जीएसटी लागू होने की तारीख यानी 1 जुलाई से पहले होने की संभावना नहीं के बराबर है। जीएसटी को आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म माना जा रहा है, जिसके तहत एक्साइज, सर्विस टैक्स, वैट और कई अन्य टैक्स को एक साथ वसूले जाने की बात है। इसके जरिये गुड्स और सर्विसेज के ट्रांसफर की बेरोकटोक आवाजाही के लिए यूनिफॉर्म मार्केट तैयार हो सकेगा।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !