अब ई-आधार भी पहचानपत्र के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं

लखनऊ। अब आप किसी भी आरक्षित क्लॉस का टिकट लेकर यात्रा करते समय अपना ई-आधार भी पहचानपत्र के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। रेलवे ने ई-आधार को भी पहचानपत्र के विकल्प में शामिल कर लिया है। ई-आधार आप मोबाइल फोन या लैपटॉप पर डाउनलोड कर टीटीई को दिखा सकेंगे। इससे आपको किसी अन्य पहचानपत्र की मूल प्रति नहीं दिखानी होगी।

रेलवे बोर्ड ने इसे अपने पहचानपत्र के 10 विकल्पों में शामिल कर लिया है। पहले तत्काल कोटे का टिकट बनाते समय ही पहचानपत्र की छायाप्रति लगानी होती थी। इस व्यवस्था को रेलवे ने पिछले साल बंद कर दिया। यात्रियों ने रेलवे बोर्ड से मूल आइडी के साथ ई-आधार को भी पहचानपत्र के रूप में मान्यता देने की मांग की थी। इस पर रेलवे बोर्ड ने यूनिक आइडिंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिखा था।

अथॉरिटी ने अपने जवाब में बताया है कि आधार एक्ट 2016 के सेक्शन 4 (3) के तहत डाउनलोड आधार (ई आधार) को भी अपना पहचानपत्र के रूप में प्रस्तुत करने की मान्यता है।अथॉरिटी का पत्र मिलने के बाद रेलवे बोर्ड ने पहचानपत्र के 10 विकल्पों में ई-आधार को भी शामिल कर लिया है। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पैसेंजर मार्केटिंग विक्रम सिंह ने सभी जोनल मुख्यालयों को यह आदेश जारी कर दिया है।

ये हैं पहचानपत्र के विकल्प 
मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य व केंद्र सरकार की ओर से सीरियल नंबर के साथ जारी पहचान पत्र, मान्यता प्राप्त स्कूल व कॉलेज की ओर से जारी फोटोयुक्त छात्र पहचान पत्र, फोटो लगी हुई राष्ट्रीयकृत बैंक की पासबुक, फोटो लैमिनेटेड क्रेडिट कार्ड, फोटो लगा हुआ राशन कार्ड, आधार कार्ड के प्रिंट के अलावा डाउनलोड ई आधार।

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