मंदसौर पुलिस फायरिंग के खिलाफ DELHI में मप्र भवन के सामने ​विरोध-प्रदर्शन

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों पर पुलिस गोलीबारी की निंदा करते हुए बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भाकपा से संबद्ध ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) तथा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने यहां बुधवार को मध्य प्रदेश भवन के निकट विरोध-प्रदर्शन किया। मंगलवार को हुई गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई थी। लगभग 30 लोग प्रदर्शन में शामिल हुए, जिसका नेतृत्व पूर्व सांसद तथा एआईकेएस के महासचिव हन्नान मुल्लाह तथा जेएनयूएसयू के अध्यक्ष मोहित पांडे ने किया। उन्होंने 'किसान विरोधी नीतियों' तथा किसानों के प्रदर्शन को 'अनुचित तरीके' से रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र व राज्य सरकार की निंदा की।

मुल्लाह ने कहा, "मोदी सरकार ने तीन वर्षों के शासन में किसानों के लिए बहुत कष्टमय तथा प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा कर दी हैं। पिछले साल छत्तीसगढ़ में कम से कम सात किसान मारे गए। अब महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार किसानों के विरोध को अनैतिक तथा अनुचित तरीके से दबाने का प्रयास कर रही है।"

उन्होंने कहा, "भाजपा समर्थक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थक संगठनों का इस्तेमाल जारी प्रदर्शनों को रोकने के लिए किया जा रहा है। मंदसौर में किसान शांतिपूर्ण तरीके से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उनके खिलाफ गोलीबारी की गई, जिसमें किसान मारे गए।"

किसानों ने आरोप लगाया है कि जब वे मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे थे, तो मध्य प्रदेश पुलिस तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने जानबूझकर उनपर गोलीबारी की। गोलीबारी में पांच किसान मारे गए तथा सात घायल हुए। किसानों ने आठ लोगों की मौत का दावा किया है।

पांडे ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन पर नियंत्रण के लिए सरकार ने जो बर्बर तरीका अपनाया है, उससे देश के लोगों को लड़ना होगा। उन्होंने कहा, "राष्ट्र निर्माण के नाम पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार किसानों और गरीबों की हत्या कर रही है। इससे पहले, उन्होंने पहलू खान की हत्या की और अब उन्होंने मध्य प्रदेश में किसानों की हत्या की है।"

प्रदर्शन में शामिल दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा कि सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार कह रही है कि महाराष्ट्र में प्रदर्शनकारी किसान फर्जी थे, क्योंकि उन्होंने शर्ट तथा पैंट पहन रखा था। भाजपा सरकारों ने किसानों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई को लेकर अभी तक कोई पछतावा नहीं जताया है।"

एआईकेएस ने मध्य प्रदेश भवन में अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने मंदसौर में पुलिस गोलीबारी की न्यायिक जांच, गोलीबारी के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई, किसानों की कर्जमाफी तथा मृतक किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवाजा देने की मांग की है।

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