भोपाल। वित्तमंत्री जयंत मलैया की कथित रियासत दमोह में भी किसान भड़क उठे हैं। उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए अल्टीमेटम दिया है कि यदि 7 दिन के भीतर किसानों की समस्याएं दूर नहीं हुईं तो दमोह को मंदसौर बना देंगे। इससे पहले किसानों ने घंटाघट पर लगा वित्तमंत्री जयंत मलैया एवं उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया का होर्डिंग फाड़ दिया। प्रदर्शनकारियों में कांग्रेसी भी शामिल थे जबकि पुलिस ने भी पूरी तैयारियां कर लीं थीं परंतु पुलिस ने यहां संयम का परिचय दिया अत: कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी।
पुलिस ने सुबह से ही किसानों के प्रदर्शन की तैयारियां कर लीं थीं। सागर टोल नाका पर कैमरे लगाकर आने वाले किसानों की निगरानी की गई। सारे थाना प्रभारी और फोर्स मंडी में तैनात की गई। सिविल डे्स में मुंह पर कपड़ा बांधकर कुछ पुलिस कर्मी भीड़ में शामिल किए गए।
दोपहर 2 बजे कांग्रेसी नेता गाड़ी में सवार हुए और किसानों के पैदल मार्च के बीच घंटाघर पहुंचे। यहां पर गांधी जी को माल्यार्पण करते हुए आगे बढ़ गए। कीर्ति स्तभ पर किसानों ने जयंत मलैया, सिद्धार्थ मलैया सहित अनेक नेताओं के नाम से लगा होर्डिंग फाड़ दिया। उग्र नारेबाजी करते हुए सभी किसान कलेक्टोरेट पहुंचे। उनके आगे-आगे एडीएम वीके देसाई, तहसीलदार मनोज श्रीवास्तव पैदल चल रहे थे।
जबरन प्रवेश किया तो कलेक्टोेरेट का दरवाजा बंद
जैसे ही परिसर में किसानों ने प्रवेश किया, कांग्रेसियों ने भी उग्र नारेबाजी चालू कर दी और कलेक्टोरेट के मुख्यगेट से अंदर प्रवेश करने लगे, इस पर तुरंत पुलिस फोर्स ने दरवाजा बंद कर दिया और अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। जब आंदोलनकारी मंच पर पहुंच गए तो कलेक्टर चेंबर से बाहर ज्ञापन लेने अाए। उनकी सुरक्षा के लिए अलग से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का घेरा बनाया गया। जो पहरे के साथ कलेक्टर को मंच तक लेकर गया।
यह थी नौ सूत्रीय मांगें
जहां पर किसान नेता गौरव पटेल ने उन्हें पहले नौ सूत्रीय ज्ञापन और मुख्यमंत्री का पुतला राज्यपाल के नाम सौंपा। जिसमें कर्ज, बिजली बिल माफ करने, मंडी एक लाख रुपए का नगद भुगतान करने, सीमांत किसानों को फेसिंग में सब्सिडी और मंदसौर कांड की जांच कमेटी से कराना शामिल था।