मप्र किसान आंदोलन के संदर्भ में CM ने बुलाई आपात बैठक, लिए फैसले

भोपाल। किसान आंदोलन को लेकर सोमवार दोपहर सीएम हाउस में आपातकाल बैठक बुलाई गई। इस बैठक के निर्णयों से अवगत कराने कुछ देर बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता है। कुछ लोगों ने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का कोशिश की है। सीएम ने कहा कि, किसानों से शांतिपूर्ण चर्चा का रास्ता हमेशा खुला है और खुला रहेगा। मैं जानता हूं किसान कभी हिंसा नहीं कर सकते, कुछ लोगों ने किसानों को भड़काने की कोशिश की है। सरकार किसानों के लिए ही है। सीएम ने कहा कि किसानों को फसल लगाने से पहले सरकार सलाह देगी। चौहान ने कहा कि सरकार ने आज एक हजार करोड रुपए के कोष के साथ 'मूल्य स्थिरिकरण कोष' स्थापित करने का निर्णय लिया है। सीएम ने कहा कि वे स्वयं निरंतर किसानों के संपर्क में रहते हैं। 2-3 दिनों में किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने रतलाम, उज्जैन और कुछ अन्य जिलों के किसानों से चर्चा की।

सीएम ने कहा कि इस बार प्याज की बंपर पैदावार हुई है और उनके दाम काफी नीचे आ गए हैं। इसलिए सरकार ने किसानों का प्याज 8 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदने का निर्णय लिया है। सरकार ने 22 जिलों में 48 स्थानों पर 30 जून तक इस दर पर प्याज खरीदने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह मूंग 5500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से और तुअर 5050 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का निर्णय हुआ है।

आंदोलन के बीच सरकार ने सोमवार से प्रदेश के किसानों को कृषि उपज मण्डियों में उपज का 50 प्रतिशत नगद भुगतान और शेष 50 प्रतिशत भुगतान आरटीजीएस/ एनईएफटी के माध्यम से तुरंत उसी समय देने के आदेश जारी कर दिए। नगद भुगतान की सीमा तत्समय प्रभावशील आयकर अधिनियम के अधीन होगी। मप्र कृषि विपणन बोर्ड के आयुक्त सह प्रबंध संचालक राकेश श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया है कि किसानों को भुगतान की यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से प्रदेश की सभी कृषि उपज मण्डियों में लागू कर दी गई है। मण्डियों को निर्देशित किया गया है कि इस व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने रविवार को किसानों के हित में उज्जैन प्रवास के दौरान इस बाबत घोषणा की थी।

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