कोर्ट ने मासूम के स्कैच को गवाह माना, रेपिस्ट अंकल को जेल

नई दिल्ली। 8 साल की उम्र में रेप का शिकार हुई एक मासूम लड़की ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए एक स्कैच बनाया। कोर्ट ने पीड़िता के स्कैच को गवाह माना और बिना गवाहों वाले इस केस में आरोपी रेपिस्ट अंकल को 5 साल की जेल की सजा सुनाई। शायद यह पहली बार है जब रेप के मामले में किसी पेंटिंग या स्कैच को बतौर गवाह माना गया। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, मूल रुप से कोलकाता की रहने वाली यह बच्ची अभी 10 साल की हो गई है और स्कूल में पढ़ाई कर रही है। पारिवारिक परिस्थितियों के कारण 8 साल की उम्र की उसकी आंटी उसे कोलकाता से दिल्ली ले आई थी लेकिन आंटी के साथ रहने के दौरान ही उसके अंकल अख्तर अहमद ने उसका शारीरीक शोषण या यूं कहें कि रेप किया था। अख्तर अहमद को पिछले वर्ष जून माह के दौरान गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसके वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि लड़की को 'सक्षम गवाह' नहीं माना जा सकता है।

मामले में उस समय अहम मोड़ आया जब रेप पीड़ित बच्ची ने एक पेपर पर काले रंग के क्रेयॉन से एक खाली घर का स्केच बनाया था। इस स्केच में हाथ में गुब्बारा लिए एक लड़की खड़ी थी जिसके पास जमीन पर एक कपड़ा गिरा हुआ था। बच्ची ने इस स्केच को 'उदासहीन' रंगों से भरा था। सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने इसे लड़की की गवाही माना।

उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा, 'यदि इस स्केच के तथ्य और केस की पृष्ठभूमि को देखा जाए तो यह पता चलता है कि उसके घर में बच्ची के कपड़े उतारकर उसके साथ यौन शोषण हुआ है, और इसके बाद उसके दिमाग पर जो असर हुआ है वो स्केच द्वारा सबूत के रूप में पेश हुआ है।' कोर्ट ने दोषी अख्तर अहमद पर 10,000 रुपए जुर्माना भी लगाया है और पीड़ित बच्ची को 3 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।

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