संघ के स्कूलों में ईश्वर की प्रा​र्थना नहीं होती: शंकराचार्य

नई दिल्ली। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने समाज में ईश्वर के अतिरिक्त कई तरह की दूसरी प्रार्थनाओं पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्कूलों में ईश्वर की प्रार्थना नहीं होती, इसलिए वो लोग बड़े होकर भटक जाते हैं और साईं भक्त बन जाते हैं। 

हरिद्वार के जयराम आश्रम में आयोजित हुई भारत साधु समाज की बैठक में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने हिस्सा लिया। यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इस्कॉन संस्था को लेकर विवादित बयान दिया है। साथ ही इस दौरान संघ पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि संघ के स्कूलों में ईश्वर की प्रार्थना नहीं होती, जिससे वे साईं के भक्त बन जा रहे हैं। वो यहीं नहीं रुके और कहा कि इस्कॉन के लोगों की भक्ति कृष्ण में नहीं बल्कि अपनी संस्था के प्रति है। उन्होंने सनातन धर्म के प्रचार, गौ हत्या पर रोक और फर्जी शंकराचार्यों पर सख्ती की बात भी कही है। 

बता दें कि सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के नाम की संस्था के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ देश में हजारों सरस्वती शिशु मंदिर एवं सरस्ती विद्यापीठ स्कूल संचालित कर रहा है। इन स्कूलों में हर साल लाखों बच्चे पढ़ते हैं। दावा किया जाता है कि इन स्कूलों में पढ़ाई के साथ साथ संस्कारों की शिक्षा भी दी जाती है। इन स्कूलों में भारत माता की प्रार्थना होती है। संघ की शाखाओं में भी भारत माता की प्रार्थना होती है। 

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