सुप्रीम कोर्ट और सेना मिलकर प्रधानमंत्री को हटाने की साजिश रच रहे हैं ?

नई दिल्ली। मनीलांड्रिंग केस में आरोपों का सामना कर रहे नवाज शरीफ जब गुरूवार यानि 15 जून को संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के सामने पूछताछ के लिए पेश होंगे तो वह पाकिस्तान के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे। पनामा पेपर लीक केस में बुरी तरह फंसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के खिलाफ जैसे-जैसे जांच की अंतिम तारीख नज़दीक आती जा रही है नवाज शरीफ की आशंका और प्रबल होने लगी है। इसके साथ ही, इस बात के कयास जोर पकड़ने लगे हैं कि अब शरीफ का क्या होगा? सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन को लगता है कि पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट वहां की सेना के साथ मिलकर नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री के पद से हटाने की साजिश रच रहा है।

नवाज को सत्ता से बाहर करने की साजिश: ऊर्जा मंत्री
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने का यह आरोप कोई नया नहीं है। ये बात नवाज के साथ ही उनके कई मंत्री कह चुके हैं। लेकिन, इस बार पाकिस्तानी पीएम के रिश्तेदार और ऊर्जा राज्यमंत्री आबिद शेर अली ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग शरीफ को सत्ता से बाहर करने की साजिश रच रहे हैं। शेर अली ने कहा कि हमें शरीफ के बगैर कोई राजनीतिक व्यवस्था स्वीकार्य नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो लाखों लोग सड़क पर उतरकर विरोध जताएंगे। शेर अली ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग माइनस शरीफ फार्मूले पर काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी मंशा को क़ामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार JIT करेगी PM से पूछताछ 
पनामा पेपर्स लीक केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित संयुक्त जांच दल (जेआईटी) पहली बार पाकिस्तान के पदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पूछताछ करेगी। जेआईटी ने 15 जून यानि गुरूवार को पूछताछ के लिए उन्हें दस्तावेजों के साथ तलब किया है। एक पाकिस्तानी अख़बार के हवाले से बाताया गया है कि शरीफ ने अपने नजदीकी लोगों के साथ सलाह मशविरा करने के बाद फैसला लिया है कि वह जांच में शामिल होंगे। जांच दल का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बीती पांच मई को किया गया था। शरीफ हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से लौटे हैं। पनामा पेपर लीक मामले में शरीफ के दोनों पुत्रों हुसैन व हसन से संयुक्त जांच दल (जेआइटी) ने पूछताछ की थी।

शरीफ ने भी कहा था- सरकार के खिलाफ हो रहा है षडयंत्र
एक सप्ताह से कम समय में यह दूसरी बार है, जब शरीफ की पार्टी ने पाकिस्तान के शक्तिशाली प्रतिष्ठान पर नागरिक सरकार को सत्ता से हटाने के षड़यंत्र का आरोप लगाया है, जबकि शक्तिशाली सेना और न्यायपालिका के साथ उसके संबंधों में तनाव है। बीते पांच जून को शरीफ ने कहा था कि 'कुछ लोग' उनकी सरकार के खिलाफ षड़यंत्र रच रहे हैं।

8 जून को जेआईटी ने भेजा नवाज को समन
जेआईटी ने 8 जून 2017 को प्रधानमंत्री शरीफ को समन भेजते हुए 15 जून 2017 को ग्यारह बजे फेडरल ज्यूडिशियल एकेडमी, सर्विस रोड साउथ, सेक्टर एच-8/4, इस्लामाबाद में पेश होने को कहा है। इसके साथ ही, पाकिस्तानी पीएम से अपने साथ पनामा पेपर्स केस से जुड़े आवश्यक कागजात भी लाने को कहा है। पनामा दस्तावेज लीक मामले में शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ उनके कथित विदेशी परिसम्पत्तियों को लेकर जांच जारी है। पाकिस्तान के अखबार डॉन ने सूत्रों के हवाले से बाताया है कि प्रधानमंत्री की पेशी से पहले वित्तमंत्री इशाक डार से भी टीम पूछताछ कर सकती है।

पनामा पेपर्स जांच के लिए 20 अप्रैल को बनी जेआईटी
पनामा पेपर्स जांच केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए एक जेआईटी का गठन किया था और उसे मनीलांड्रिंग से जुड़े मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनके बेटे और अन्य लोगों को पूछताछ का अधिकार दिया था। डार को पिछले हफ्ते भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वह बयान देने के लिए पेश नहीं हो पाए। फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के एडिशनल डायरेक्टर जनरल वाज़िद ज़िया की अध्यक्षता में छह सदस्यीय टीम ने दोबारा डार को पेशी के लिए समन भेजा है। 

पीपीपी ने कहा- सही दिशा में जा रही है जांच
एक टेलीविज़न चैनल से बात करते हुए सूचना प्रसारण राज्य मंत्री मर्रियम औरंगजेब ने कहा कि प्रधानमंत्री को जेआईटी से समन मिला है और वह 20 अप्रैल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दल के सामने पेश होंगे। उधर, पंजाब पीपीपी के अध्यक्ष कमर जमां कैरा ने एक प्रेस में जारी बयान में बताया कि प्रधानमंत्री को जेआईटी की तरफ से भेजा गया समन सकारात्मकता का संदेश है। कैरा ने लाहौर में कहा- पनामा केस में प्रधानमंत्री की ही मुख्य भूमिका थी।

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