सरकार ने फसल जमा करा ली, पेमेंट भी नहीं किया, अब बताओ कैसा आंदोलन करें

भोपाल। मप्र में किसान आंदोलन जारी है। मंदसौर, देवास, इंदौर एवं शाजपुर में आंदोलन हिंसक हो गया है। इस दौरान सोशल मीडिया पर लोग किसानों को तरह तरह की सलाह दे रहे हैं। आंदोलन की आचार संहिता बताई जा रही है। किसानों को उपद्रवी भी कहा जा रहा है। पुलिस मुकदमे ठोक रही है। इस बीच टीकमगढ़ के किसान रामभरोसे परिहार के बेटे सुनील परिहार ने तमाम बुद्धिजीवियों के सामने सवाल उछाला है। सुनील ने बताया कि एक माह पहले सरकार को फसल बेची थी। सरकार ने पूरी फसल जमा करा ली लेकिन अब तक पेमेंट नहीं किया। सहकारी बैंक वाले हर रोज बुलाते हैं, शाम तक बिठाते हैं और फिर वापस भगा देते हैं। नई फसल का वक्त आ गया है। बीज खरीदने हैं, लोन की किस्त चुकानी है और सारे खर्चे हैं। कृपया बताएं कि ऐसे हालात में आंदोलन की आचार संहिता क्या हो। 

सुनील का कहना है कि सवाल करने से पहले कृपया एक माह तक हर रोज अपने पैसे निकालने के लिए बैंक के बाहर भिखारी की तरह बैठें, फिर शाम को बैंक अफसर की दुत्कार सुनें। उसके बाद तय करें कि आंदोलन का स्वरूप क्या हो। किसान आंदोलन पर कुछ भी बेतुका बयान देने से पहले कृपया सोचें कि क्यों हर दर्द सहन कर लेने वाला किसान हिंसक हो रहा है। थोड़ा तो अध्ययन करें कि ऐसा क्या हो गया जो हालात इतने बिगड़ रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इतने हिंसक आंदोलन के बाद भी बैंक चक्कर लगवा रहे हैं। किसानों को दुत्कारकर भगा रहे हैं। 

टीकमगढ़ के बडागांव सहकारी बैंक में भुगतान नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। किसानों का आरोप है कि यहां भी कमीशन लिया जा रहा है। इस बारे में जिला कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा कि यह सच है कि कई किसानों को भुगतान लेने में परेशानी हो रही है, लेकिन जिला प्रशासन उन्हें जल्द से जल्द भुगतान दिलाने की कोशिश में लगा है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !