भोपाल। पुलिस अफसरों के नाम पर ठगी का एक मामला सामने आया है। मामला ठगी से ज्यादा उन ठिकानों का है जिसका उपयोग बदमाश ने किया। बदमाश ने महिला थाना परिसर में पीड़िता को जाल में फंसाया, ठगी की और फिर विधायक विश्राम गृह में जाकर गायब हो गया। ये दोनों ही ठिकानों अपराधियों को आश्रय देने वाले तो नहीं है, फिर सवाल यह है कि कैसे कोई अपराधी इन दोनों सरकारी परिसरों का उपयोग ठगी के लिए कर रहा है।
यह वाकया है मई के पहले हफ्ते में राजधानी के महिला थाने का। राजधानी की रहने वाली एक महिला अपनी मां के साथ शिकायत करने पहुंची थी कि उसका पति करीब दो साल से लापता है। पुलिस उसे ढूढने में मदद करे। महिला थाने की टीआई वहां पर नहीं थीं तो मां-बेटी वहीं पर बैठकर उनके आने का इंतजार करने लगीं।
इस बीच करीब 40 साल का एक व्यक्ति उनके पास आया। उसने सारी दिक्कत पूछी। इसके बाद बोला, आप चिंता मत करो हम पुलिस में ही हैं। आपके पति को खोजने में पूरी मदद करेंगे। वह महिला को परिसर में ही कुछ दूर ले गया। फर्जी फोन लगाकर बोला, एक पुलिस अफसर से बात हो गई है। शाम तक पति को ढूढ लेंगे। उसने इसके लिए पांच हजार रुपए की मांग की।
महिला पैसा नहीं होने की बात कहते हुए 5 हजार की जगह 1200 रुपए देने को तैयार हो गई। ठग मां-बेटी को मिलवाने के बहाने उन्हें विधायक विश्राम गृह अपनी बाइक से लेकर आया। यहां उन्हें बाहर खड़ा कर दिया और कुछ देर में आने के लिए बोलकर अंदर चला गया। इसके बाद आज तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है। महिला ने जेपी अस्पताल स्थिति गौरवी केन्द्र में इसकी शिकायत की है।