BHOPAL के प्रीपेड बूथ: ना आॅटो आए, ना यात्री

भोपाल। आईएसबीटी और नादरा बस स्टैंड पर 7 लाख रुपए खर्च करके बनाए गए ऑटो प्रीपेड बूथ में न यात्री आते हैं और न ही ड्राइवर पंजीयन करा रहे हैं। 21 जून से शुरू हुए इन बूथों में रोजाना यात्रियों की औसत संख्या 25 से 30 है। दोनों बूथों को मिला लें तो यह संख्या 50 तक ही पहुंच पा रही है, जबकि यहां यात्री संख्या दो से तीन हजार है।

बीसीएलएल द्वारा बनाए गए ऑटो प्रीपेड बूथ के सामने ऑटो तो खड़े रहते है, लेकिन यात्रियों के नहीं आने से ऑटो चालक अपने नंबर आने का इंतजार करते रहते हैं। 4 घंटे बाद भी यात्री नहीं मिलते हैं। वहीं, ऑटो चालक यात्रियों से लिए गए किराए की 10 प्रतिशत राशि बूथ में जमा कराने का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में ऑटो चालक बूथ में रजिस्ट्रेशन कराने में रुचि नहीं दिखा रहे। बूथ शुरू हुए पांच दिन हो गए, लेकिन आईएसबीटी में 40 से ज्यादा ऑटो अटैच नहीं हो सके हैं। वहीं नादरा बस स्टैंड में ऑटो की संख्या 30 के पार नहीं गई है। जबकि शहर में 13 हजार ऑटो संचालित हो रहे हैं। एक दिन में 50 से 60 यात्री ही बूथ से टिकट लेकर ऑटो में सफर कर रहे हैं।

इसलिए किनारा कर रहे ऑटो चालक
ऑटो चालकों की मानें तो यदि एक दिन में 500 रुपए कमाते हैं तो इसका 10 फीसदी यानि 50 रुपए बूथ में जमा कराने पड़ते हैं। 200 से 250 रुपए का पेट्रोल जल जाता है। सिर्फ 200 रुपए के लिए बूथ में रजिस्ट्रेशन क्यों कराएं। कोई मेंटनेंस का काम निकल आए तो कमाए गए 200 रुपए भी खर्च हो जाएं।

पंजीयन के लिए मांगे जा रहे ये कागजात
ऑटो का रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, बीमा, आधार कार्ड, वोटर आईडी के अलावा कोई आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी संबंधित थाने से प्राप्त की जाती है।

योजना अच्छी, पर संचालन ठीक नहीं
ऑटो चालकों पर कई नियम लाद दिए हैं। पंजीयन कराने के लिए इतनी कागजात मांगे जा रहे हैं, कि पूर्ति करना संभव नहीं है। साथ ही सवारियों से मिलने वाले किराए की 10 प्रतिशत राशि बूथ में क्यों जमा करें। बूथ पर शहर में जो नई कॉलोनियां विकसित हुई हैं, वहां की भी किराया सूची नहीं है।
मुबीन खान, अध्यक्ष, मप्र ऑटो रिक्शा संघ

इनका कहना
व्यवस्था बनाने में समय लगता है। अभी पांच ही दिन हुए हैं। आगामी दिनों में ऑटो की संख्या भी बढ़ेगी और यात्री भी बढ़ेंगे। बूथ इंटरनेट व्यवस्था से लेस है।
संजय सोनी, पीआरओ बीसीएलएल
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ऑटो प्रीपेड बूथ में ऑटो और यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। आगामी समय में यह व्यवस्था कारगर साबित होगी। जल्द ही ब्रांडिंग के माध्यम से लोगों को ऑटो से सफर करने के प्रति जागरूक किया जाएगा।
करमवीर सिंह, हेड विजनम ग्रुप

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