AYUSHMAN HOSPITAL: घिनौने धंधे का आरोप, हंगामा

ग्वालियर। AYUSHMAN HOSPITAL GWALIOR में आज एक नया विवाद सामने आया है। ललितपुर से घायल होकर आए एक मरीज के परिजनों ने दावा किया है कि मरीज की मौत हो जाने के बावजूद बिल बढ़ाने के लिए उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। परिजनों के हंगामा और मीडिया के दखल के बाद अस्पताल संचालकों ने मरीज को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। सरकारी अस्पताल पहुंचते ही उसे मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल संचालकों का कहना है कि मरीज कोमा में था। इसलिए उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। सच क्या है यह तो पीएम रिपोर्ट से ही पता चलेगा परंतु मरीज के परिजन शव को लेकर ललितपुर रवाना हो गए। संभव है वहां पीएम कराया जाए।

ललितपुर स्थित जमालपुर गांव निवासी मूलचंद अौर संतोष पारिवारिक झगड़े में घायल हो गए थे। दोनों रिश्ते में भाई हैं। घायल होने पर परिजन इन्हें इलाज के लिए झांसी ले गए थे। इनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए इन्हें झांसी से ग्वालियर रैफर कर दिया गया। 16 जून को परिजन मूलचंद और संतोष को ग्वालियर लेकर आए। एंबुलेंस चालक उन्हें झांसी रोड स्थित आयुष्मान हॉस्पिटल में भर्ती कराकर चला गया। तब से दोनों मरीज आयुष्मान हॉस्पिटल में ही भर्ती हैं। वहीं शाम को मूलचंद की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि जब उन्हें मूलचंद का शव दिया गया तो उससे बदबू आ रही थी। परिजन ने बताया कि दोनों के सिर में गहरी चोट लगी थी। वे मरीजों को सरकारी अस्पताल ले जाना चाहते हैं। लेकिन ऐंबुलेंस वाला यहां छोड़ गया। दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक परिजन बाहर बैठे रहे।

प्रबंधन का कहना है कि 
उधर अस्पताल संचालक का कहना है कि मरीज की धड़कन चल रही है इसलिए वेंटिलेटर नहीं हटाया जा सकता। परिजन एम्बुलेंस लेकर आ जाएं, जिसमें वेंटिलेटर हो तो हम मरीज को रैफर करने के लिए तैयार हैं। शाम 6.30 बजे जब एम्बुलेंस पहुंची तो मरीज को लेकर परिजन रवाना हुए। हालांकि जेएएच पहुंचने से पहले ही मरीज मूलचंद की मौत हो चुकी थी। परिजन शव लेकर ललितपुर रवाना हो गए। उधर दूसरे घायल संतोष को स्थानीय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। उसकी स्थिति में गंभीर बनी हुई है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !