अब किसान आंदोलन के नाम पर अटका दी अध्यापकों की तबादला नीति

भोपाल। हालांकि शिक्षा विभाग के अफसरों पर किसान आंदोलन का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। सारे कामकाज यथावत चल रहे हैं। राजधानी में कोई असर नहीं है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने अध्यापकों एवं शिक्षकों की तबादला नीति अटका दी है। प्रशासकीय अनुमोदन होने के बाद सरकार ने नीति जारी करने से अधिकारियों को रोक दिया है। इस कारण तबादले देरी से शुरू होंगे, जिसका सीधा असर पढ़ाई पर पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के हालात ठीक नहीं हैं। जबकि राजधानी में पूरी तरह शांति है। 

अध्यापक पिछले 20 साल से तबादला नीति का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने पहली बार पुरुष अध्यापकों के लिए नीति बनाई है, लेकिन तीन महीने से ये लागू नहीं हो पा रही है। चार दिन पहले इसे लागू करने को लेकर दिनभर बैठकों का दौर चला। देर शाम स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने प्रशासकीय अनुमोदन भी कर दिया। सूत्र बताते हैं कि बाद में अफसरों से प्रदेश के हालात सुधरने तक नीति जारी नहीं करने का कहा गया है। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित कर्मचारियों की तबादला नीति भी जारी होना है। नीति में तय कार्यक्रम के अनुसार इन कर्मचारियों के तबादले 10 जून से शुरू होने थे, लेकिन अब यह तारीख भी आगे बढ़ेगी।

15 जून से खुलेंगे स्कूल 
स्कूल शिक्षा विभाग का अगला शैक्षणिक सत्र 15 जून से शुरू हो रहा है। जुलाई के पहले हफ्ते में ही पढ़ाई शुरू कराने की कोशिशें चल रही हैं। ऐसे में तबादला नीति में देरी से पढ़ाई प्रभावित होगी। विभाग 15 जून को भी नीति जारी करता है, तो तबादले जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू हो पाएंगे। शिक्षक-अध्यापक इधर से उधर होंगे, तो पढ़ाई प्रभावित होना निश्चित है।

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