शिवराज सिंह, कम से कम 15 अगस्त वाली घोषणा तो पूरी कर दो | संविदा शिक्षक भर्ती

भोपालसमाचार डॉट कॉम के माध्यम सें हम अपनी पीढ़ा आप सभी के समक्ष रख रहे है। मुख्यमत्री शिवराज चौहान की झूठी घोषणाएँ और शिक्षा मंत्री विजय शाह के झूठे बयान व झूठी कोरी घोषणाएँ आप सभी को पता है। कि मप्र में शिक्षकों की कमी व अकाल है। शिक्षा के अधिकार एक्ट धारा 23 व सुपीम कोर्ट के आदेश/फैसलों को मप्र की शिवराज सरकार पिछले चार सालों से अनदेखी कर रही है। जिसके कारण प्रदेश में 6 साल सें 40 हजार से अधिक रिक्त पदों पर संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती रूकी हुई है। 

पिछले 6 सालों में प्रदेश के 2 लाख बेरोजगार योग्य अनुभवी अभ्यार्थी ओवरएज हो चुके है। जिसके जिम्मेदार मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व शिक्षा मंत्री है। जिनकी लाखों की मार्कशीट डिग्रियां और भविष्य अंधेरे में चला गया। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाईन और शिक्षा के अधिकार के तहत भारत के सभी राज्यों में हर साल शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाता है लेकिन सिर्फ मप्र ही ऐसा एक अकेला राज्य है। जहां 6 साल से संविदा भर्ती लटकी हुई है। 

कभी व्यापमं तिथि घोषित करता तो कभी हटा लेता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिक्षा मंत्री विजय शाह और कई मंत्रीयों ने ऐलान किया, घोषणाएँ कि दिसम्बर 2016 तक संविदा भर्ती हो जाएगी लेकिन दूसरी तरफ व्यापमं का कहना कि भर्ती इस साल होना अंसंभव है। व्यापमं ने नया केलेंडर जारी किया जिसमें संविदा भर्ती मई 2017 से प्रारंभ की तिथि घोषित की गई थी जो कि नही हुई। मध्य प्रदेश सरकार ने 20000 हजार वर्ग 3 के शिक्षाकर्मियों को वर्ग 2 में प्रमोशन से भर दिया जबकि ये पद सीधी भर्ती से भरे जाने थे। 2011 में भारत सरकार ने 1 लाख शिक्षकों को मप्र में भर्ती करने की अनुमति प्रदान की थी लेकिन मप्र के मुख्यमत्री पांच वर्ष में सिर्फ 46000 शिक्षकों की ही भर्ती की ओर 54000 पद आज भी खाली पडे हैं। 

इसके अलावा 40000 नए पद चार साल में केबिनेट में स्वीकृत हुऐ लेकिन अब सरकार सिर्फ 20000 हजार पद संविदा शिक्षक रिक्त पद बता कर भर्ती करना चाहती है। जिसकी घोषणा प्रदेश के मुख्य मंत्री ने 15 अगस्त 2016 को सबके सामने घोषणा की थी। सच क्या है यह बताने की जरूरत नहीं। अगर दिसम्बर तक संविदा भर्ती प्रारम्भ नही हुई तो बेरोजगार योग्य अनुभवी अभ्यार्थी ओवरएज हो जाएगें। जिससें हमारी पूरी शिक्षा, मार्कशीट, डिग्री कागज के टुकड़े बन जाऐगें। जिसका कोई मोल नहीं होता है। जिसके जिम्मेदार मप्र के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व शिक्षा मंत्री विजय शाह होगें। हमें न्याय चाहिए जल्द से जल्द संविदा शाला शिक्षक भर्ती चाहिए। भोपाल समाचार डॉट कोम के माध्यम से आप सभी के साथ एवं सामने हम ये बात प्रस्तुत कर रहें है।

प्रार्थी
समस्त बेरोजगार जो संविदा शिक्षक की तैयारी कर रहे हैं।

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