बिना विषय के की जाये अतिशेष की गणनाः RAS ने सौंपा ज्ञापन | ADHYAPAK SAMACHAR

मंडला। मंगलवार को अतिशेष मामले को लेकर राज्य अध्यापक संघ के पदाधिकारियों ने जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर की अगुवाई में अपर कलेक्टर मण्डला, सहायक आयुक्त मण्डला और प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी मण्डला को ज्ञापन सौंपा। संघ ने अपने ज्ञापन मेें मांग की कि प्राथमिक शाला में अतिशेष हुये शिक्षकों में बहुत बड़ी संख्या ऐंसे शिक्षकों की है जो कि जानकारी न हो पाने से दावा आपत्ति प्रस्तुत नहीं कर पाये हैं। उन्हैं पुनः दावा आपत्ति दर्ज करने का एक बार और अवसर दिया जाये अन्यथा अतिशेष नहीं होने के बाद भी शिक्षकों को विद्यालय से हटाया जायेगा जिससे विद्यालय शिक्षक विहीन हो जायेंगें।

यदि किसी शिक्षक या अध्यापक की पदस्थापना स्वीकृत रिक्त पद पर नियमानुसार हुई है तो उसे अतिशेष न माना जाये बल्कि रिक्त पद न रहते हुये भी नियम विरूद्ध जिन शिक्षक अध्यापक की पदस्थापना हुई है उन्है अतिशेष की गणना में लिया जाये। शिक्षक और अध्यापक में बिना भेद करे अतिशेष की गणना की जावे। अतिशेष की गणना करते समय निःशक्त अध्यापकों पर विचार नहीं किया गया है। सामान्य अध्यापकों के रहते निःशिक्त अध्यापकों को अतिशेष किया गया है। अतः निःशक्त अध्यापकों के मामले का निराकरण किया जाये।

माध्यमिक शालाओं में नियुक्ति बिना विषय के या विज्ञान एवं कला संकाय के आाधार पर हुई थी अतः अब 6 विषयों के आधार पर युक्तियुक्तकरण करना उचित प्रतीत नहीं होता है वैसे भी विद्यालयों की दर्ज संख्या बहुत कम है। इसलिये विषयवार युक्तियुक्तकरण व्यवहारिक नहीं है। साथ ही किसी विषय शिक्षक की पदपूर्ति होने तक अतिशेष शिक्षक से काम लेने की नीति गलत है। इससे कोई भी शिक्षक अतिशेष बनकर पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकता है। अतः माध्यमिक शाला में सिर्फ दर्ज संख्या के आधार पर अतिशेष की गणना की जाये जो शिक्षक जो विषय अध्यापन करा रहा है उसे उसी विषय का शिक्षक माना जाये। 

अतिशेष के मामले में प्रभावित शिक्षक से दावा आपत्ति लेना ही पर्याप्त नहीं है। प्रत्येक अतिशेष के मामले की गहन जांच संकुूल प्राचार्य द्वारा कराई जानी चाहिये और उनके प्रतिवेदन उपरांत ही अतिशेष शिक्षक को हटाने की कार्यवाही होनी चाहिये। प्रत्येक अतिशेष शिक्षक को लिखित में या मोबाइल में एसएमएस के द्वारा अतिशेष की सूचना दी जानी चाहिये ताकि वह समयावधि में दावा आपत्ति प्रस्तुत कर सके। समय पर दावा आपत्ति प्रस्तुत न कर सकने की स्थिति में सिर्फ पोटर्ल की गड़बड़ी के कारण अतिषेष न होते हुये भी अध्यापकों को विद्यालय से हटाने की कार्यवाही होगी जो कि न तो उस अध्यापक के हित में होगा और न ही विद्यालय के हित में। ऐंसे में अनेक मामले न्यायालय में भी जायेगंे। ज्ञापन सौंपने वालों में डी.के.सिंगौर,रवीन्द्र चौरसिया,सुनील नामदेव,ब्रजेष डोगसरे,भजनलाल गवले,संजीव दुबे,अभिलाषा भगत,सरिता पटेल,अमरसिंह, नफीस खान, हिम्मत मरकाम,पतिराम डिवरिया,दया कुलेष,बसंत मरावी,संजीव सोनी आदि थे।

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