PEB ने सत्यापन के बाद 1 हजार फार्म निरस्त कर दिए, हंगामा

भोपाल। बीएड सहित अन्य एजुकेशन कोर्सेस में एडमिशन के लिए 27 से 29 मई के बीच आयोजित हो रहीं परीक्षाओं में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड सत्यापन के बाद एक हजार से ज्यादा फार्म निरस्त कर दिए। बोर्ड की इस कार्रवाई के बाद जहां परीक्षार्थियों ने हंगामा किया वहीं प्राइवेट कॉलेज और उच्च शिक्षा विभाग ने भी आपत्ति उठाई है लेकिन बोर्ड अपने कदम वापस लेने को तैयार नहीं है। 

प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने आवेदकों की फोटो साफ नहीं होने और हस्ताक्षर के स्थान पर अंग्रेजी के केपिटल लेटर में नाम लिखने के कारण एक हजार से ज्यादा आवेदकों के फॉर्म निरस्त कर दिए हैं। इधर, फॉर्म में हुई गलती को ठीक करने के लिए पिछले दो दिनों से बोर्ड के चक्कर काट रहे आवेदकों ने अब आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ाने की मांग उठा दी है। इस बीच उच्च शिक्षा विभाग की ओर से भी लगातार उम्मीदवारों को आवेदन का एक और मौका देने के लिए बोर्ड से संपर्क कर रास्ता निकालने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन, बोर्ड ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया है।

कम है उम्मीदवारों की संख्या
बीएड के दो, तीन व चार वर्षीय कोर्स के साथ ही एमएड, बीपीएड, एमपीएड कोर्स के लिए पीईबी द्वारा आगामी 27 से 29 मई के बीच प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है। दो व तीन वर्षीय कोर्स के लिए कुल 55 हजार 784 और चार वर्षीय कोर्स के लिए 4345 आवेदन आए हैं। यह संख्या कुल सीटों के मुकाबले कम है। इस बीच एक हजार से ज्यादा फॉर्म निरस्त होने से परीक्षा में शामिल होने वालों की संख्या में और गिरावट आ गई है।

ऐसे तो साल भर का शेड्यूल बिगड़ जाएगा
परीक्षा शुरू होने में अब महज तीन दिन का समय बाकी है और बोर्ड पर आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख बढ़ाने का दबाव बनने लगा है। बताया जाता है कि प्राइवेट कॉलेज संचालकों ने इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर उम्मीदवारों को आवेदन करने का एक और मौका दिए जाने की मांग की है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से तीन बार बोर्ड से इस मामले में जानकारी मांगी जा चुकी है। हालांकि, बोर्ड ने अपनी सभी परीक्षाओं के शेड्यूल को देखते हुए उम्मीदवारों को आवेदन का एक और मौका देने से मना कर दिया है। बोर्ड डायरेक्टर भास्कर लाक्षाकार का कहना है कि अभी तक आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। अगर बोर्ड एक बार इसकी मंजूरी देता है तो इसके आधार पर आगे भी इसी तरह की मांगे आने लगेगी। इससे साल भर का शेड्यूल ही बिगड़ जाएगा।

फॉर्म गलत भरे थे तो सत्यापन कैसे सही हो गया
मंगलवार को अपनी शिकायत लेकर बोर्ड पहुंचे 25 से ज्यादा आवेदकों ने बताया कि हेल्प सेंटर्स सत्यापन के दौरान फॉर्म में कोई गलती नहीं निकाली गई। सभी के फॉर्म सही भरना माना है, लेकिन दो दिन पहले बोर्ड द्वारा अपलोड किए गए प्रवेश पत्र डाउनलोड किए तो उसमें फॉर्म निरस्त होना बताया गया। फॉर्म निरस्ती की संख्या एक हजार से ज्यादा बतायी जा रही है। इन आवेदकों का कहना है कि यदि फॉर्म में कोई गड़बड़ी थी तो इसकी सूचना सत्यापन के दौरान ही उन्हें दी जानी चाहिए थी, लेकिन सत्यापन करने वालों को ही इसकी सही जानकारी नहीं थी। इससे समय पर आवेदन की गलती सुधारने का मौका नहीं मिला। इस समस्या को लेकर यह उम्मीदवार उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी मिले लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली।

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